दलाई लामा की दूसरी आत्मकथा का असमिया में अनुवाद
दलाई लामा की दूसरी आत्मकथा का असमिया में अनुवाद
- दलाई लामा की दूसरी आत्मकथा का असमिया में अनुवाद
धर्मशाला, 30 नवंबर (आईएएनएस)। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की दूसरी आत्मकथा फ्रीडम इन एक्जाइल का प्रख्यात लेखक और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित येशे दोरजी थोंगछी ने असमिया भाषा में अनुवाद किया है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
भास्कर दत्ता बरुआ द्वारा प्रकाशित, पुस्तक के असमिया संस्करण का शीर्षक प्रबासत मुक्ता है।
पहली बार 1991 में अमेरिका में प्रकाशित, फ्रीडम इन एग्जाइल में आध्यात्मिक नेता द्वारा तिब्बत के इतिहास के बारे में चीन के आख्यानों का विरोध करने के लिए लिखा गया था।
आत्मकथा उनके जन्म, उनके तिब्बत का सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता बनने, तिब्बत-चीन संबंधों में खटास और भारत में उनके निर्वासित जीवन आदि का जिक्र है।
पुस्तक में, दलाई लामा ने भारत सरकार के साथ अपने संबंधों के बारे में भी खुलकर जिक्र किया है।
पाठक एमेजॉन से किताब को ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
2017 में, दलाई लामा की आत्मकथा माई लैंड एंड माई पीपल असमिया भाषा में मोर देश अरु मोर मनुह शीर्षक से प्रकाशित हुई थी।
वीएवी-एसकेपी