सियासी हलचल!: टेस्ट फ्लोर से तय होगी बिहार की सियासत, नीतीशे कुमार या फिर नई सरकार को मिलेगा मौका, जानें सबकुछ

  • बिहार में 12 फरवरी को होना है टेस्ट फ्लोर
  • नीतीश कुमार हाल ही में बिहार की सियासत में बदला है पाला
  • आरजेडी ने बड़ा 'खेला' करने का किया है दावा

Dablu Kumar
Update: 2024-02-10 13:45 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ। जनता दल (यूनाइटेड) के मुखिया नीतीश कुमार ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामकर बिहार में सरकार बना ली है। लेकिन अब चर्चा 12 फरवरी को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट की है। जिसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी मंत्री पद न मिलने पर बगावत कर सकते हैं। मगर क्या है यह फ्लोर टेस्ट? क्या जीतन राम मांझी की बगावत से नीतीश कुमार की सरकार आउट होने वाली है? आईए समझते हैं।

फ्लोर टेस्ट क्या है?

सदन में नई सरकार के गठन के बाद उसे बहुमत पास करना होता है। इसके लिए बहुमत का प्रस्ताव सदन में रखा जाता है। इसमें सभी विधायक अपना मत बताते हैं। बहुमत की स्पष्ट स्थिति न होने पर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराया जाता है। फ्लोर टेस्ट में सरकार को मौका दिया जाता है कि वह अपना बहुमत सदन में साबित करके दिखाए। सदन में बहुमत के लिए किसी भी राजनीतिक दल को विधानसभा की कुल सीटों की आधी संख्या से एक ज्यादा विधायक की आवश्यकता होती है। मसलन बिहार में 243 विधानसभा सीटे हैं। जिसका आधा होता है 121.5. ऐसी स्थिति में 122 विधायक वाली पार्टी या गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। इससे कम विधायक होने पर सरकार गिर जाएगी और मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ता है।

मांझी के बगावत से जेडीयू होगी आउट?

बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का बहुमत जरूरी है। बिहार में आरजेडी (79) बीजेपी (78) जेडीयू (45) कांग्रेस (19) हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (4) सीपीआई (2) और लेफ्ट के पास 16 विधायक हैं। बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन ने कुल 128 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। ऐसे में हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के बगावत करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

'खेला' अभी बाकी है

बिहार में नीतीश कुमार ने जब बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन होने के बाद ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव का एक बयान आया। उन्होंने कहा कि 'खेला' अभी बाकी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार की राजनीतिक क्या फिर नया मोड़ लेगी?

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