समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द, हेट स्पीच केस में हुई थी तीन साल की सजा

यूपी सियासत समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द, हेट स्पीच केस में हुई थी तीन साल की सजा

Anupam Tiwari
Update: 2022-10-28 14:24 GMT
समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द, हेट स्पीच केस में हुई थी तीन साल की सजा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की विधानसभा सदस्यता स्पीकर सतीश महाना ने रद्द कर दी है। गौरतलब है कि कोर्ट ने कल ही आजम खान को हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। आजम खान रामपुर से विधायक थे, इस फैसले के आने के बाद सपा को बड़ा झटका माना जा रहा है। शिकायतकर्ता आकाशदास सक्सेना की शिकायत पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह फैसला लिया है। खबरों के मुताबिक,आकाश सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष के अलावा केन्द्रीय चुनाव आयोग को भी सदस्यता रद्द करने की शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि विधानसभा सदस्य ने सदस्यता रद्द होने के बाद रामपुर सीट से पद रिक्त होने की भी सूचना चुनाव आयोग को भेज दी है। 

जानें पूरा मामला

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खान को गुरूवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में दोषी पाया और तीन साल की सजा सुनाई थी। साथ ही उन पर छह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। हालांकि, कोर्ट की ओर से सजा के ऐलान के बाद आजम खान को तुरंत जमानत भी मिल गई थी। गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू करने के बाद आजम को दोषी मानते ही कस्टडी में ले लिया था।

खबरों के मुताबिक, चार बजे के करीब अदालत ने अपना फैसला सुनाया था। गौरतलब है कि आजम खान के खिलाफ तीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था और तीनों ही मामलों में कोर्ट ने आजम खान को दोषी माना था। साल-2019 लोकसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के मामले में आजम पर केस दर्ज हुआ था। आरोप है कि आजम खान ने भाषण के दौरान ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ व पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

जानें जनप्रतिनिधियों के बारे में सजा का प्रावधान

कोर्ट के फैसले के बाद से ही आजम खान के सिर पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। कयास यही लगाया जा रहा था कि अब आजम खान की विधायकी भी जा सकती है। हालांकि, हुआ कुछ वैसा ही। आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। नियम के मुताबिक, जनप्रतिनिधियो को अगर दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो फिर उसकी किसी भी सदन की सदस्यता चली जाती है। आजम खान के लिए आज का दिन काफी धर्मसंकट का है। एक तरफ विधायकी की सदस्यता खत्म तो दूसरी सिर पर तमाम मुकदमों का बोझ है।

हालांकि, आजम खान से पहले अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा से बीजेपी के विधायक खब्बू तिवारी को अपनी विधायकी गवानी पड़ी थी। कोर्ट ने उन्हें भी दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी। साल 2019 में आजम खान रामपुर सीट लोकसभा चुनाव लड़े थे और संसद पहुंचे थे लेकिन फिर उन्होंने अपने संसद सदस्यता से इस्तीफा देकर। यूपी विधानसभा चुनाव- 2022 में कूद पड़े, हालांकि बंपर वोटों से जीत भी दर्ज की थी। लेकिन आजम खान की सदस्यता जाना आज उनके समर्थकों को काफी अखर रहा होगा।

 

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