कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी की सदस्यता पर खतरा, मामला लंबित होने तक रहेगी बरकरार

सजा सदस्यता और कानून कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी की सदस्यता पर खतरा, मामला लंबित होने तक रहेगी बरकरार

ANAND VANI
Update: 2023-03-23 08:15 GMT
कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी की सदस्यता पर खतरा, मामला लंबित होने तक रहेगी बरकरार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूरत की जिला अदालत ने एक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है। हालांकि अभी अदालत ने तीस दिनों के लिए सजा को निलंबित रखा है, और राहुल को बेल भी मिल गई। इन तीस दिनों के भीतर यदि राहुल गांधी हाईकोर्ट में अपील करते है और वहां सजा पर सुनवाई का मामला लंबित होता है तब तक के लिए राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा टल सकता है। 

आपको बता दें लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है, तब उसे अपनी सदस्यता छोड़नी पडती है। 

राहुल गांधी के मामले में संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का कहना है कि राहुल गांधी को दो साल की सजा जरूर हुई है, लेकिन कोर्ट ने अभी सजा को तीस दिनों तक निलंबित रखा है। ऐसे में गांधी की सदस्यता को कोई खतरा नहीं है।  लेकिन राहुल को अगले तीस दिन के भीतर ऊपरी कोर्ट में फैसले को चुनौती देना होगी। अगर वहां भी कोर्ट निचली अदालत के फैसले को बरकार रखती है तो राहुल की संसद सदस्यता जा सकती है। यदि ऊपरी कोर्ट में मामला लंबित रहता है या राहुल के पक्ष में फैसला आए तब भी उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी। 

शीर्ष कोर्ट ने 2013 में इस अधिनियम को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धारा 8(4) को असंवैधानिक करार दिया था। इस प्रावधान के मुताबिक, आपराधिक मामले में (दो साल या उससे ज्यादा सजा के प्रावधान वाली धाराओं के तहत) दोषी करार किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को उस सूरत में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता था, अगर उसकी ओर से ऊपरी न्यायालय में अपील दायर कर दी गई हो। यानी धारा 8(4) दोषी जनप्रतिनिधियों को कोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील लंबित होने के दौरान पद पर बने रहने की छूट प्रदान करता है। इसके बाद से किसी भी कोर्ट में दोषी ठहराए जाते ही नेता की विधायकी-सासंदी चली जाती है।

आपको बता दें पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक संबोधन के दौरान मोदी सरनेम पर  विवादित अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसी को लेकर बीजेपी एमएलए व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। 


 

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