भारत-पाकिस्तान स्थिति पर चर्चा: कांग्रेस की मांग, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुलाई जाए सर्वदलीय बैठक

- सर्वदलीय बैठक और विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग
- भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे हैं?
- संघर्षविराम के विषय पर संसद में व्यापक चर्चा हो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के बाद कांग्रेस केंद्र की एनडीए सरकार से सर्वदलीय बैठक और विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग कर रही है। कांग्रेस ने आज रविवार को मांग करते हुए कहा पहलगाम घटना, ऑपरेशन सिंदूर और भारत एवं पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की गोलेबारी एवं सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए बनी सहमति पर विस्तार से चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक तथा संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से कई सवाल पूछे। उन्होंने सवाल किए कि क्या नई दिल्ली ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के लिए दरवाजे खोले हैं और क्या पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक माध्यम खोले गए हैं।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विट करते हुए कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए, ताकि इन सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा हो सके। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के लिए "तटस्थ मंच" का उल्लेख अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा किया जाना कई सवाल खड़े करता है - क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे हैं? हमने पाकिस्तान से कौन से प्रतिबद्धताएं मांगे हैं और हमें क्या मिला है? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा इस पूरी स्थिति को लेकर कल शाम को किए टिप्पणियों की ओर ध्यान दिलाना चाहती है। इन टिप्पणियों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री को स्वयं जवाब देना चाहिए। अंत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मानती है कि इस समय देश का इंदिरा गांधी जी की असाधारण साहसिक और दृढ़ नेतृत्व क्षमता को याद करना स्वाभाविक है, जैसा कि उन्होंने 1971 में प्रदर्शित किया था।
Created On :   11 May 2025 1:51 PM IST