बिहार के बाद SIR का दूसरा दौर: देश के 9 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में आज से एसआईआर प्रक्रिया शुरु

देश के 9 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में आज से एसआईआर प्रक्रिया शुरु
तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, गोवा, राजस्थान,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल,गुजरात, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में आज से एसआईआर प्रक्रिया शुरू हो गई, इन राज्यों में से चार तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल व प. बंगाल में आगामी साल 2026 में मार्च से मई के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं। अन्य राज्यों में दो से तीन वर्षों में विधानसभा चुनाव होंगे। इन सभी राज्यों में कुल 51 करोड़ वोटर्स हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बिहार के बाद एसआईआर का दूसरा दौर आज से शुरु हो गया है। चुनाव आयोग दो चरणों में एसआईआर करवा रहा है, आज 4 नवंबर से शुरु हो रहे पहले चरण में देश के 9 राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरु हो रहा है। ये चरण 4 दिसंबर तक चलेगा। ईसी 9 दिसंबर को मसौदा सूची जारी करेगा और फाईनल सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। बिहार के बाद एसआईआर का यह दूसरा दौर है।

तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, गोवा, राजस्थान,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल,गुजरात, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में आज से एसआईआर प्रक्रिया शुरू हो गई, इन राज्यों में से चार तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल व प. बंगाल में आगामी साल 2026 में मार्च से मई के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं। अन्य राज्यों में दो से तीन वर्षों में विधानसभा चुनाव होंगे। इन सभी राज्यों में कुल 51 करोड़ वोटर्स हैं।

आपको बता दें असम में भी अगले साल मार्च अप्रैल में चुनाव होने हैं, लेकिन यहां वोटिंग लिस्ट करेक्शन की घोषणा अलग से की जाएगी। इसके पीछे की वजह शीर्ष कोर्ट की निगरानी में चल रही नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया है। इसे लेकर सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा था, सिटीजनशिप एक्ट के तहत असम में नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं।

तमिलनाडु में एसआईआर के खिलाफ सत्तारूढ़ डीएमके ने टॉप कोर्ट में चुनौती देते हुए इस प्रक्रिया को सांविधानिक, मनमाना और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा बताया। डीएमके ने पिटीशन में एसआईआर को संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 यानी समानता का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार समेत अन्य प्रावधानों, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और 1960 के मतदाता पंजीकरण नियमों का उल्लंघन बताया है। डीएमके की याचिका पर इसी सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। डीएमके संगठन सचिव आरएस भारती की ओर से दायर याचिका में राज्य में एसआईआर के लिए चुनाव आयोग की 27 अक्टूबर की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है।


Created On :   4 Nov 2025 10:03 AM IST

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