बिहार विधानसभा चुनाव 2025: त्रिवेणीगंज विधानसभा क्षेत्र जेडीयू का अभेद किला, निर्णायक भूमिका में होते है यादव वोटर्स

त्रिवेणीगंज विधानसभा क्षेत्र जेडीयू का अभेद किला,  निर्णायक भूमिका में होते है यादव वोटर्स
यह एससी सीट है। इस सीट को पहली बार 1957 में एससी के लिए आरक्षित किया गया था। 1962 से 2009 तक यह सामान्य श्रेणी की सीट रही, और 2010 से दोबारा एससी आरक्षित हुई। यहां 19 फीसदी एससी, 15 फीसदी मुस्लिम मतदाता ,करीब 22 फीसदी यादव वोटर्स है, जो निर्णायक भूमिका में होते है। विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में त्रिवेणीगंज विधानसभा क्षेत्र सुपौल जिले में आता है। त्रिवेणीगंज विधानसभा क्षेत्र में अब तक 17 चुनाव हुए हैं, 2009 उपचुनाव से लगातार जीत रही जेडीयू ने पांच बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने चार बार ,संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने 1967 से 1972 तक लगातार तीन बार जीत हासिल की है। जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल, राजद और लोजपा ने एक-एक बार जीत दर्ज की है। 2020 में जेडीयू की जीत हुई।

क्षेत्र में अनूप लाल यादव का दबदबा रहा हैं। उन्होंने कुल सात बार यहां से जीत हासिल की। 1967 से 1977 तक चार बार लगातार (पहली तीन बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से और चौथी बार जनता पार्टी से। 1985 में लोकदल, 1990 में जनता दल और 2000 में आरजेडी से जीत हासिल की है। उन्हें तीन बार मामूली अंतर से हार का भी सामना करना पड़ा है।

यह एससी सीट है। इस सीट को पहली बार 1957 में एससी के लिए आरक्षित किया गया था। 1962 से 2009 तक यह सामान्य श्रेणी की सीट रही, और 2010 से दोबारा एससी आरक्षित हुई। यहां 19 फीसदी एससी, 15 फीसदी मुस्लिम मतदाता ,करीब 22 फीसदी यादव वोटर्स है, जो निर्णायक भूमिका में होते है। विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है।

कृषि यहां की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है, इलाके को मौसमी मार झेलनी पड़ती है, सड़क,सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के चलते हजारों की तादात में युवा पलायन करते है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   4 Nov 2025 3:29 PM IST

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