चौंका सकते हैं हिमाचल चुनाव के नतीजे, कांग्रेस-भाजपा में होगी कड़ी टक्कर, सीएम के कबूलनामे के क्या हैं मायने

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 चौंका सकते हैं हिमाचल चुनाव के नतीजे, कांग्रेस-भाजपा में होगी कड़ी टक्कर, सीएम के कबूलनामे के क्या हैं मायने

Anchal Shridhar
Update: 2022-11-18 11:28 GMT
चौंका सकते हैं हिमाचल चुनाव के नतीजे, कांग्रेस-भाजपा में होगी कड़ी टक्कर, सीएम के कबूलनामे के क्या हैं मायने

डिजिटल डेस्क, शिमला।  हिमाचल प्रदेश में 12 दिसंबर को मतदान हो चुका है। प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा और आप की तरफ से सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है। वैसे चुनाव विश्लेषकों की मानें तो मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है। दोनों दलों में से कोई एक दल ही सरकार बनाएगा। अगर बीजेपी चुनाव जीतती है तो वह प्रदेश में चले आ रहे 37 साल पुराने रिवाज को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होगी। वहीं अगर कांग्रेस बहुमत हासिल करती है तो वह 5 सालों बाद सरकार बनाएगी।

चुनाव को लेकर अभी तक आए अधिकतर सर्वों में सत्ताधारी बीजेपी एक बार फिर से सरकार बनाते हुए नजर आ रही है। इसके अलावा कई राजनीतिक विश्लेषक भी वोटिंग ट्रेंड के अनुसार अलग-अलग अनुमान लगा रहे हैं। इन सब के बीच प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे मायने तलाश किए जा रहे हैं। दरअसल, अपने हालिया बयान में सीएम ठाकुर ने स्वीकार किया कि इस बार के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। 

ये कहा सीएम ने

न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सवाल किया गया कि, कांग्रेस प्रदेश की कुल 68 विधासभा सीटों में से 40 से 45 सीटें जीतने का दावा कर रही है? तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक इन चुनावों को लेकर हुए सर्वों के मद्देनजर तरह-तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। मैं इन पर कमेंट नहीं करना चाहता। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह जरुर स्वीकार किया कि इस बार बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर जरुर है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हिमाचल में भाजपा और कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला होगा। ना हम इस स्थिति में हैं कि एकतरफा जीत की बात कह सकें ना कांग्रेस। कांग्रेस पार्टी को इसे समझना होगा। वे बिना कारण ही ऐसा कर रहे हैं।"

मुख्यमंत्री के बयान से कांग्रेस में जगी उम्मीद

भाजपा को इस बार प्रदेश में 37 साल पुराने उस रिवाज के टूटने की उम्मीद है जिसके मुताबिक मतदाता हर 5 साल में सत्ताधारी दल की विदाई कर विपक्षी दल को मौका देते आए हैं। इस बार के चुनाव में बीजेपी को विपक्षी दल कांग्रेस में मजबूत नेतृत्व की कमी और गुटबाजी होने के कारण दोबारा सत्ता हासिल करने की उम्मीद है। वहीं कांग्रेस के द्वारा पुरानी पेंशन योजना, महंगाई और बेरोजगारी जैसे बड़ो मुद्दों को चुनाव में जमकर उठाया जा रहा है। जिनकी वजह से इस बार उसे फायदा होने की बात राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं। इसके साथ ही विश्लेषक बीते कई दिनों से यह भी कहते हुए भी नजर आ रहे हैं कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों के बीच ओपीएस एक बड़ा मुद्दा है जिसका चुनाव में बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। अब सीएम जयराम ठाकुर द्वारा चुनाव में कड़ी टक्कर होने की बात कहना कांग्रेसी नेतृत्व के द्वारा उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है। बात दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का नतीजा 8 दिसंबर को आएगा। 

 

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