मल्लिकार्जुन खड़गे की मीटिंग में न पहुंच कर उद्धव ठाकरे ने दिखाया रोष! राहुल गांधी के एक बयान पर छिड़ी जंग 

बिफरे ठाकरे मल्लिकार्जुन खड़गे की मीटिंग में न पहुंच कर उद्धव ठाकरे ने दिखाया रोष! राहुल गांधी के एक बयान पर छिड़ी जंग 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-28 05:38 GMT
मल्लिकार्जुन खड़गे की मीटिंग में न पहुंच कर उद्धव ठाकरे ने दिखाया रोष! राहुल गांधी के एक बयान पर छिड़ी जंग 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरनेम को लेकर हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। जिसके बाद से कांग्रेस पार्टी व अन्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं। सदन की सदस्यता खत्म होने पर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर जोरदार हमला बोला था और कहा था कि मैं वीर सावरकर नहीं बल्कि राहुल गांधी हूं, माफी नहीं मांगूंगा। इस बयान पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने नाराजगी जताई थी और सावरकर पर बयान न देने की नसीहत भी दे डाली थी।

वहीं अब कांग्रेस नेता के इसी बयान पर घमासान छिड़ता हुआ नजर आ रहा है। क्योंकि बीती रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 विपक्षी दलों के साथ डिनर मीटिंग रखी थी, जिसमें उद्धव नदारद रहे। जिसके बाद से ही यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि महाअघाड़ी गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। 

मीटिंग से नदारद रहे उद्धव

दरअसल, विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद नजर आ रही हैं। केंद्र में बीजेपी की सरकार को घेरने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 विपक्षी दलों को अपने दिल्ली स्थित आवास पर डिनर के लिए बुलाया था, ताकि भाजपा के खिलाफ नया मोर्चा तैयार किया जाए। जिसमें तमाम पार्टियों ने दिलचस्पी दिखाते हुए डिनर मीटिंग में भाग लिया। इस बैठक में आम आदमी पार्टी, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी, जेडीयू, बीआरएस, आरएस, सीपीएम, सीपीआई, एमडीएमके, केसी, आरएसपी, आरजेडी, एसपी और झामुमो जैसी पार्टियां मौजूद रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस डिनर पार्टी के लिए उद्धव ठाकरे को भी न्योता दिया गया था, लेकिन राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयान से नाखुश होकर उद्धव ने डिनर पार्टी से खुद को अलग रखा।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उद्धव ने मल्लिकार्जुन के आवास पर न जाकर एक साफ संदेश दे दिया है कि अगर वीर सावरकर पर किसी भी तरह की कोई आपत्तिजनक टिप्पणी होती है तो गठबंधन टूट भी सकता है। 

विपक्षी दल घेरने की कर रहे हैं तैयारी

खड़गे की आवास पर उद्धव के न पहुंचने पर बड़ी देर रात तक चर्चा हुई और सभी ने सहमति जताई कि पार्टी के नेता सावरकर पर किसी भी तरह की कोई बयानबाजी न करें। सूत्रों की मानें तो बैठक में बीजेपी को घेरने के लिए प्लान बनाया गया। इस बैठक में केंद्र सरकार से अडानी मामले की जांच जेपीसी के द्वारा और राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने पर चर्चा हुई और अपना प्रदर्शन सरकार के खिलाफ और तेज करने की सहमति बनी।

महाअघाड़ी में क्यों दरार?

 उल्लेखनीय है कि, बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर सूरत के कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके तुरंत बाद उन्हें बेल भी मिल गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, जिस जनप्रतिनिधी को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी, चाहे तो वो इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे सकता है। इसी फैसले के तहत राहुल गांधी की सदस्यता खत्म हो गई थी। जिस पर राहुल ने बिफरते हुए बीजेपी और सावरकर पर हमला बोलते हुए कहा था कि "मेरा नाम सावरकर नहीं गांधी है मैं मापी नहीं मांगूंगा।"

सावरकर हैं भगवान- ठाकरे

इसी बयान को लेकर उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा था कि "सावरकर ने 14 साल तक अंडमान सेलुलर जेल में अकल्पनीय यातनाएं झेलीं। हम केवल पीड़ाओं को पढ़ सकते हैं। यह बलिदान का एक रूप है। हम सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।" ठाकरे ने आगे कहा था कि "अगर राहुल गांधी सावरकर की निंदा करना जारी रखते हैं तो विपक्षी गठबंधन में दरार आ सकती है। उन्होंने यह भी कहा था कि सावरकर हमारे लिए भगवान है उनका हम आपमान कभी नहीं सहेंगे।

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