जम्मू-कश्मीर में 25 नवंबर तक बनेगी मतदाता सूची, अगले साल चुनाव

जम्मू-कश्मीर चुनाव जम्मू-कश्मीर में 25 नवंबर तक बनेगी मतदाता सूची, अगले साल चुनाव

IANS News
Update: 2022-09-04 08:00 GMT
जम्मू-कश्मीर में 25 नवंबर तक बनेगी मतदाता सूची, अगले साल चुनाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर में मतदाता सूची में संशोधन का काम जोरों पर है। हाल के घटनाक्रम से पता चलता है कि केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव अगले साल की शुरूआत में होने की संभावना है। जम्मू और कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद, इस बात की संभावना जोरों पर थी यहां चुनाव नवंबर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के साथ करा दिए जाएंगे। लेकिन, चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन की समय सीमा 25 नवंबर तय कर ये संदेश दे दिया है कि इस साल चुनाव होने की संभावना नहीं है।

मतदाता सूची के चल रहे काम के साथ, स्थानीय चुनाव कार्यालय द्वारा हाल ही में एक घोषणा की गई कि गैर-स्थानीय लोग, जिनमें कर्मचारी, छात्र, मजदूर, या बाहर से आया व्यक्ति शामिल है, जो आमतौर पर जम्मू और कश्मीर में रह रहे हैं, वे वोटिंग लिस्ट के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इसने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में हलचल मचा दी है। चुनाव कार्यालय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में रहने वाले या काम करने वाले गैर-स्थानीय लोगों सहित कोई भी भारतीय नागरिक, मतदान सूची में अपना नाम सूचीबद्ध करा सकता है और विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान कर सकता है।

इन गतिविधियों में डुप्लिकेट नामों की विसंगतियों को दूर करना भी शामिल है। मतदाता सूची का मसौदा 15 सितंबर, 2022 को प्रकाशित किया जाएगा और यह प्रत्येक मतदान केंद्र पर उपलब्ध होगा। परिसीमन प्रक्रिया के बाद लगभग 600 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं और अब कुल मतदान केंद्रों की संख्या लगभग 11,370 हो गई है।

इसके अलावा, मतदाता संशोधन अभ्यास के चलते 20 से 25 लाख नए मतदाताओं के जुड़ने की संभावना है। चुनाव आयोग के अनुसार, संशोधन की कवायद तीन साल से अधिक समय के बाद की गई है क्योंकि पिछली बार यह जनवरी 2019 में किया गया था। इसका मतलब है कि 1 जनवरी 2019 के बाद 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वालों को मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा और उम्मीद है कि बड़ी संख्या में मतदाता जोड़े जाएंगे और युवा मतदाता, जो 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, वोटिंग के लिए पात्र होंगे।

इसके अलावा परिसीमन आयोग के अंतिम आदेश के अनुसार मौजूदा मतदाता सूची को नए सीमांकित विधानसभा क्षेत्रों में मैप किया जा रहा है। आयोग ने वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन की धारा 60 (2) (बी) के साथ पठित परिसीमन अधिनियम, 2002 की धारा 9 (1) (ए) के तहत निर्धारित मानदंडों के आधार पर परिसीमन किया।

आयोग ने उन भौगोलिक क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व पर भी विचार किया है जहां अपर्याप्त संचार और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दुर्गम परिस्थितियों के कारण सार्वजनिक सुविधाओं की कमी है। जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के लिए क्रमश: 37 और 46 विधानसभा सीटों की तुलना में, परिसीमन के बाद जम्मू क्षेत्र में 43 और कश्मीर क्षेत्र में 47 सीटों को अधिसूचित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में अगले साल अप्रैल या मई में चुनाव होने की संभावना है। चुनाव कार्यक्रम तय करते समय खराब मौसम भी एक कारक रहता है।

(आईएएनएस)

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