सीएम योगी के 'अब्बा जान' वाले बयान पर छिड़ी सियासी जंग, सपा नेता ने कहा- बीजेपी लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही

बयान पर घमासान सीएम योगी के 'अब्बा जान' वाले बयान पर छिड़ी सियासी जंग, सपा नेता ने कहा- बीजेपी लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-13 15:22 GMT
सीएम योगी के 'अब्बा जान' वाले बयान पर छिड़ी सियासी जंग, सपा नेता ने कहा- बीजेपी लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशीनगर जिले में एक जनसभा के दौरान "अब्बा जान" (उर्दू में पिता) शब्द के इस्तेमाल ने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया। विपक्षी नेताओं ने योगी आदित्यनाथ के इस बयान को आगामी विधानसभा चुनावों में "सांप्रदायिक ध्रुवीकरण" करने का प्रयास बताते हुए इसकी निंदा की है। 

आदित्यनाथ ने रविवार को बैठक में कहा था, "2017 के पहले क्या सभी को राशन मिलता था... अब्बा जान कहने वाले सारा राशन हजम कर लेते थे।" जाहिर तौर पर इस बयान के जरिए आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और बसपा के पिछले शासनों पर निशाना साधा था। आदित्यनाथ की इस टिप्पणी को विपक्षी पार्टी के नेताओं ने "सांप्रदायिक" करार दिया और मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "भाजपा के पास लोगों को दिखाने के लिए कुछ नहीं है... राज्य सरकार ने आम लोगों के लिए बहुत कम काम किया है और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, बीजेपी के नेता लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं।" हालांकि, भाजपा नेताओं ने टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि आदित्यनाथ केवल यह स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे थे कि राज्य सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है।

हाल ही में आदित्यनाथ ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का "अब्बा जान" कहा था। आदित्यनाथ की यह टिप्पणी तब आई थी जब अखिलेश ने अपने एक बयान में कहा था कि वह भाजपा नेताओं की तुलना में "अधिक धर्मनिष्ठ" हिंदू हैं।

आदित्यनाथ ने मुलायम के बयान का जिक्र करते हुए कहा था, "अगर ऐसा है तो उनके (अखिलेश) अब्बा जान ने क्यों घोषणा की थी कि एक पक्षी भी अयोध्या में प्रवेश नहीं कर पाएगा?" दरअसल, कारसेवकों ने 1990 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने की धमकी दी थी। उस समय मुलायम सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने ये बयान दिया था।

इसके बाद अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को अपने शब्दों के चुनाव में सावधान रहने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, "मुख्यमंत्री को अपने शब्दों को चुनने में सावधानी बरतनी चाहिए..अगर वह नहीं रुके तो मैं भी उनके (आदित्यनाथ) बारे में बातें करना शुरू कर दूंगा।"

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