बिहार सियासत: महागठबंधन से लगातार विधायक क्यों बदल रहे हैं पाला? समझें इसके पीछे की रणनीति

  • बिहार लगातार पाला बदल रहे हैं महागठबंधन के विधायक
  • अब तक सात विधायक बदल चुके हैं पाला
  • आरजेडी के पांच विधायक एनडीए में हुए शामिल

Dablu Kumar
Update: 2024-03-01 12:07 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरे हुए एक महीना बीत चुका है। लेकिन आरजेडी से विधायकों का पाला बदलने का सिलसिला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच आरजेडी के एक और विधायक ने पाला बदल लिया है। आरजेडी एमएलए भरत बिंद शुक्रवार को बीजेपी में शामिल हो गए। आज वह बिहार विधानसभा सदन में सत्ता पक्ष की ओर बैठे दिखाई दिए।

बिहार में टेस्ट फ्लोर के दौरान ही आरजेडी खेमे के तीन विधायक पाला बदलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ चले गए। वहीं, कांग्रेस के भी दो विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इस तरह महागठबंधन के अब तक कुल 7 विधायक पाला बदल चुके हैं।

आज विधानसभा में क्या हुआ?

आरजेडी विधायक भरत बिंद कैमूर जिले के भभुआ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। शुक्रवार को भरत बिंद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष एवं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और पूर्व मंत्री मुरारी गौतम के साथ सदन में पहुंचे। इसके बाद आरजेडी विधायक समझ गए कि भरत बिंद बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

बिहार में एनडीए सरकार का गठन होने के बाद अब तक 7 विधायक पाला बदल चुके हैं। बिहार में 12 फरवरी के दिन ही फ्लोर टेस्ट हुआ था। तब राज्य के तीन बाहुबली विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इनमें बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के अलावा सूर्यगढ़ा से विधायक प्रह्लाद यादव शामिल थे।

लगातार पाला बदल रहे हैं विधायक

हाल में आरजेडी विधायक संगीता देवी ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया था। उनके साथ कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सौरव और मुरारी गौतम ने पाला बदल लिया। सूत्रों के मुताबिक, अभी महागठबंधन में और ज्यादा टूट होगी। लोकसभा चुनाव से पहले करीब आधा दर्जन विधायक अभी और एनडीए खेमे में शामिल हो सकते हैं। बिहार में महागठबंधन के हाथ से सत्ता जाने के बाद उसके विधायक लगातार पाला बदलते जा रहे हैं। जिसे आरजेडी और कांग्रेस दोनों ही रोकने में विफल हो रही है।  

 

जेडीयू-बीजेपी की रणनीति

देश में करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन की रणनीति है कि वह ज्यादा से महागठबंधन के विधायकों को अपने पाले में करें। ऐसे में बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के दिग्गज नेता डैमेज कंट्रोल करने में ही परेशान रहेंगे। साथ ही, बीजेपी की कोशिश है कि महागठबंधन और एनडीए के बीच बिहार विधानसभा में बहुमत के अंतर को बढ़ाने की है। ऐसी स्थिति में राज्य में बचे शेष कार्यकाल के दौरान स्थिर से एनडीए गठबंधन सत्ता में बने रहे। 

इसके अलावा आरजेडी विधायक भी मंत्री पद की चाह में पाले बदले जा रहे हैं। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार कुछ दिनों बाद मंत्रिमंडल विस्तार होने वाला है। ऐसे में इन सभी विधायकों को भी बड़ा मौका मिल सकता है।  

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