मेरे पहले मैच से सभी चाहते थे कि मैं गोल करूं : छेत्री

मेरे पहले मैच से सभी चाहते थे कि मैं गोल करूं : छेत्री

IANS News
Update: 2020-04-18 12:31 GMT
मेरे पहले मैच से सभी चाहते थे कि मैं गोल करूं : छेत्री

नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने बताया है कि जब से उन्होंने राष्ट्रीय टीम में पहला मैच खेला था तब से हर कोई चाहता है कि वह गोल करें।

छेत्री ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया था।

इंडियनसुपरलीग डॉट कॉम ने छेत्री के हवाले से लिखा है, मैंने पाकिस्तान वाले मैच से पदार्पण किया था तब से लेकर अभी तक सभी चाहते हैं कि मैं गोल करूं।

छेत्री ने जब पदार्पण किया तब बाइचुंग भूटिया और रेनेडी सिंह जैसे खिलाड़ी टीम में थे।

उन्होंने कहा, हम दोनों के बीच में किसी तरह की तुलना नहीं की जा सकती। अच्छी बात यह थी कि बाइजुंग भाई उस समय टीम में थे। बाइचुंग, महेश गवली, सुरकुमार सिंह, क्लीइमैक्स लॉरेंस उस समय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा थे और यह सभी शानदार खिलाड़ी थे। उन्होंने मेरा साथ दिया।

छेत्री ने कहा, लेकिन उन्होंने कभी मेरी स्वतंत्रता में दखल नहीं दिया। हर कोई चाहता था कि मैं स्कोर करूं। मैंने राष्ट्रीय टीम के लिए जो 70 गोल किए हैं वो इसी का नतीजा है।

छेत्री ने यह भी बताया कि शुरुआती दिनों में वह कोलकाता में खेलते समय इतना दबाव होता था कि वह रोते थे।

उन्होंने कहा, पहला साल अच्छा था। मैच में मुझे 20-30 मिनट का गेम टाइम मिलता था। लोग मुझे अगला बाइचुंग भूटिया बुलाते थे, लेकिन कोलकाता की फुटबाल आपको काफी जल्दी सिखाती है। जब आप हारने लगते हो तो दर्शक खतरनाक बन जाते हैं। ऐसा भी समय था कि जब मैं रोया था। कोलकाता में हारना विकल्प नहीं है।

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