Beed News: वाल्मीक कराड को लगा बड़ा झटका, अदालत ने बरी करने वाली याचिका कर दी खारिज

वाल्मीक कराड को लगा बड़ा झटका, अदालत ने बरी करने वाली याचिका कर दी खारिज
  • संतोष देशमुख मामले में उज्ज्वल निकम ने जानकारी दी
  • 4 अगस्त को अगली सुनवाई

Beed News. सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड की सुनवाई चल रही है। विशेष अदालत ने मामले के मुख्य आरोपी वाल्मीक कराड को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने मामले में बरी होने की वाल्मीक कराड की याचिका खारिज कर दी है। इससे वाल्मीक कराड, जो खुद को इस अपराध से मुक्त कर चुके थे, और भी मुश्किल में पड़ गए हैं।जानकारी के अनुसार मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की 9 दिसंबर को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मीक कराड को गिरफ्तार किया गया है। उन पर देशमुख की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया गया है। वाल्मीक कराड ने इस आरोप को चुनौती दी थी और खुद को बरी करने की मांग की थी। लेकिन बीड स्थित विशेष अदालत ने मंगलवार को उनकी याचिका खारिज कर दी। वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम ने मंगलवार की सुनवाई के बाद पत्रकारो से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी।

सभी आरोपियों को बरी करने की मांग

उज्ज्वल निकम ने कहा कि कराड ने संतोष देशमुख हत्याकांड में बरी करने के लिए आवेदन दिया था। अदालत ने मंगलवार को उस आवेदन को खारिज कर दिया। उसके बाद, विष्णु चाटे और अन्य आरोपियों ने भी बरी करने के लिए आवेदन दायर किया। मैंने इसका कड़ा विरोध किया। अदालत को बताया कि यह आरोपियों की कार्यप्रणाली है। एक आरोपी की बरी करने की अर्जी खारिज होने के बाद, दूसरा आवेदन करता है और फिर तीसरा भी ऐसा ही करता है, जिससे समय बर्बाद होता है। मामले को लटकाने की कोशिश की जाती है। यही उनकी कोशिश है। इसलिए, हमने अनुरोध किया है कि सभी आरोपियों को एक साथ आवेदन दायर करने का निर्देश दिया जाए। जिसके तहत विष्णु चाटे सहित सभी आरोपियों ने अदालत में अर्जी दायर की है। हमने इस आवेदन पर स्पष्टीकरण दिया है। कराड ने जमानत पर रिहा होने के लिए अदालत में एक आवेदन दायर किया है। उज्ज्वल निकम ने कहा, "हम इसका भी विरोध कर रहे हैं।" उज्ज्वल निकम ने यह भी बताया कि हमने अदालत की सहायता के लिए मसौदा आरोपपत्र दाखिल किया है ताकि अदालत आरोपियों के खिलाफ आरोप कैसे दर्ज करे।

वाल्मीक कराड के वकीलों ने क्या कहा ?

पिछली सुनवाई में वाल्मीक कराड के वकीलों ने दावा किया था कि संतोष देशमुख हत्याकांड में उनके मुवक्किल का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस मामले में तीन अलग-अलग अपराध हैं। प्रत्येक प्राथमिकी के लिए अलग-अलग आरोपपत्र दाखिल किया जाना चाहिए। वाल्मीक कराड का मकोका से कोई संबंध नहीं है। उनका अपराध और प्राथमिकी अलग-अलग हैं। चौकीदार सोनवणे की 6 दिसंबर को पिटाई की गई थी। इस घटना का जबरन वसूली से कोई संबंध नहीं है। शिवराज देशमुख इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता हैं। उनके बयान में वाल्मीक कराड का नाम कहीं नहीं है। वाल्मीक कराड को 15 जनवरी, 2025 को हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया था।इस मामले में, अन्ना का मतलब वाल्मीक कराड नहीं है। संतोष देशमुख को भी अन्ना कहा जाता था। लेकिन वाल्मीक पर अन्ना कहकर आरोप लगाया गया। सीआईडी द्वारा व्यक्त की गई राय उनकी है। उन्होंने यह भी कहा था कि इस मामले में पुलिस जांच ज़रूरी है।

Created On :   22 July 2025 7:53 PM IST

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