मध्यप्रदेश में आदिवासी सुरक्षित नहीं, उनके खिलाफ अत्याचार के मामले किसी से छुपे नहीं- कमलनाथ

युवाओं को रोजगार से जोडऩा सरकार के पास बड़ी चुनौती

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मप्र में आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं। कुछ जगहों की जानकारी सामने आती है, जबकि ऐसे कई मामले सामने नहीं आते हैं। आज आदिवासी अपने ही प्रदेश और घर में असुरक्षित है। आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचार और अपराध के मामले किसी से छिपे नहीं है। यह बात बुधवार को छिंदवाड़ा पहुंचे श्री नाथ ने मीडिया के बैतूल में आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई के वायरल हो रहे वीडियो के सवाल के प्रत्युत्तर में कही। बहुत से लोगों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने के सवाल पर श्री नाथ ने कहा कि जिनका मन और मंशा हैं वे वैसा करें। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के राम का नाम लेकर भाजपा में आने के बयान पर श्री नाथ मुस्कुराए और एक तरह से बात को टालते हुए कहा कि आप लोग क्या कहते हैं। बुधवार को पांच दिवसीय प्रवास पर पहुंचे नकुल-कमलनाथ ने शिकारपुर हेलीपैड पर मीडिया से चर्चा की। यहां कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने उनकी अगवानी की।

छिंदी में कहा- सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार से जोडऩे की:

पूर्व सीएम कमलनाथ ने बुधवार को छिंदी में जनसभा को संबोधित किया। कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार से जोडऩे की है। ऐसी तकनीकी शिक्षा दिलाने की है जिससे वे रोजगार से जुड़ सकें या फिर स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें। मैं इस समस्या को पहले ही भांप चुका था इसीलिए सर्वाधिक स्किल सेन्टरों की स्थापना करवाई। जिले में जितने स्किल सेंटर हैं उतने देश के किसी और जिले में नहीं हंै। उन्होंने कहा कि छिंदी के युवाओं को भी स्किल सेंटर भेजें, वे वहां भ्रमण करें और अपनी रुचि अनुसार विषयों में दाखिला लें। शिक्षा के साथ ही रहना और खाना भी नि:शुल्क है। सभा में सांसद नकुलनाथ ने कहा कि आदिवासियों को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ ने लड़ाई लड़ी है। उन्होंने स्व. इंदिरा गांधी के जरिए आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाएं हैं।

Created On :   14 Feb 2024 5:16 PM GMT

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