फ्लाइंग स्क्वॉड की तर्ज पर 5 एसडीएम ने बुक स्टोर्स पर मारे छापे

दुकानों में एक ही क्लास की और एक ही सिलेबस की किताबों के दाम भी अलग-अलग मिले

डिजिटल डेस्क जबलपुर। नर्सरी या प्राइमरी में पढऩे वाले बच्चे के लिए जब हजारों रुपयों की किताबें खरीदकर मध्यम वर्ग का एक आम पालक बुक स्टोर्स के बाहर निकलता था, तो वह व्यवस्था को कोसता था। बच्चे के वजन से अधिक किताबों का बोझ उसे झकझोर देता था। यही आह कहीं न कहीं अब गाज बनकर टूट रही है। मंगलवार को एक साथ 5 एसडीएम बिल्कुल फ्लाइंग स्क्वॉड की तर्ज पर बुक स्टोर्स पर पहुँचे और ताबड़तोड़ जाँच शुरू की। बहुत सी अनियमितताएँ सामने आई हैं, जिन्हें रिपोर्ट की शक्ल देकर कलेक्टर को सौंपा जाएगा। प्राथमिक तौर पर यह जरूर बताया गया कि फर्जी आईएसबीएन यानी इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नम्बर की हजारों किताबें मिली हैं, जिसका मतलब है िक किसी रजिस्टर्ड पब्लिकेशन की नहीं हैं। कई दुकानों में एक ही क्लास की और एक ही सिलेबस की किताबों के दाम भी अलग-अलग मिले हैं।

स्कूल खुलने के बाद कॉपी, किताबों, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री में मची लूट-खसोट को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जाँच के िनर्देश िदए थे। सबसे पहले तो कई स्कूलों की जाँच कराई गई और आधा सैकड़ा से अधिक स्कूलों पर मामले दर्ज कराए गए। अब लगातार बुक स्टोर्स की जाँच हो रही है। कलेक्टर श्री सक्सेना ने बताया िक हमें पता चला था िक शहर में भारी तादाद में डुप्लीकेट बुक बेची जा रही हैं। ये फर्जी बुक हैं, जिन्हें िकसी बिना रजिस्टर्ड पब्लिकेशन से छपवाया गया है और मुनाफा कमाने की नीयत से उनका विक्रय िकया जा रहा है। ऐसी किताबों को पकडऩे के िलए सभी बुक का आईएसबी नम्बर यानी इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नम्बर सर्च कराया जा रहा है और जो बुक नम्बरों से मैच नहीं खा रही हैं, उन्हें जब्त किया जा रहा है। इसे लेकर मंगलवार को एक साथ 5 एसडीएम ने कार्रवाई की। जाँच के बाद बुक स्टोर्स का पक्ष भी जाना जाएगा और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

बुक कीमत में 100 रुपए का अंतर -

एसडीएम पंकज श्रीवास्तव संगम बुक डिपो की जाँच कर रहे थे, तब दुकान संचालक ने उन्हें कुछ किताबें दिखाते हुए बताया कि शहर में इस तरह से एक ही सिलेबस की एक ही क्लास की बुक अलग-अलग दामों पर बेची जा रही हैं। दोनों ही पुस्तकों का पाठ्यक्रम एक है, पर उनके रेट में करीब 100 रुपए का फर्क है।

बुक-लिस्ट ही नहीं करते जारी-

अधिकारियों के अनुसार शासन के निर्देश हैं कि 1 जनवरी तक हर स्कूल को बुक-लिस्ट

नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना अनिवार्य होता है, जिससे कि नए स्कूल सत्र तक अभिभावक बच्चों की किताबें खरीद लें, पर अधिकतर स्कूल ऐसे हैं, जो कि मार्च में बुक-लिस्ट लगाते हैं, जिससे बुक की शॉर्टेज आ जाती है, जिसके कारण अभिभावकों को भटकना पड़ता है। पी-5

इन्होंने यहाँ की जाँच -

0 गोरखपुर एसडीएम पंकज मिश्रा ने संगम बुक डिपो पर छापामार कार्रवाई की। उनका कहना है िक फेक आईएसबीएन की किताबें मिली हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। इसके साथ ही कुछ अन्य अनियमितताएँ भी हैं, जिनकी पूरी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर दीपक सक्सेना को सौंपी जाएगी।

0 एसडीएम राँझी आरएस मरावी ने नौदरा ब्रिज के समीप चिल्ड्रन बुक डिपो पर छापामार कार्रवाई की। यहाँ सर्वाधिक करीब 7 हजार ऐसी िकताबें मिली हैं, जिनके आईएसबी नम्बर मैच ही नहीं हो पा रहे हैं। इसके साथ ही यहाँ और भी कई तरह की अनियमितताएँ मिली हैं। चिल्ड्रन बुक डिपो

पर देर रात तक छापामार कार्रवाई जारी रही।

0 अधारताल एसडीएम शिवाली िसंह ने उखरी तिराहे स्थित न्यू राधिका बुक पैलेस की जाँच की। उनका पूरा दल बुक पैलेस की हर मंजिल पर रखी किताबों की जाँच करता पाया गया। एसडीएम ने बताया िक कलेक्टर साहब के िनर्देश हैं िक िकसी भी अभिभावक के साथ ठगी नहीं होनी चाहिए। उसे निर्धारित दामों पर ही िकताबें मिलनी चाहिए।

0 एसडीएम जबलपुर अभिषेक सिंह ने गोलबाजार स्थित न्यू राधिका बुक पैलेस पर छापामार कार्रवाई की। यहाँ भी करीब 6600 किताबों पर आईएसबी नम्बर नहीं िमला।

0 एसडीएम पाटन मानवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में रामपुर की न्यू राधिका बुक पैलेस पर कार्रवाई की गई। यहाँ भी देर शाम तक जाँच चली और बहुत सी किताबों की जब्ती कर आईएसबी नम्बर की जाँच की जा रही थी। श्री सिंह ने बताया कि यहाँ जाँच में 148 प्रकार की 948 बुक जब्त की गईं, जिनमें आईएसबीएन नहीं था। वहीं 21 प्रकार की किताबें ऐसी मिली हैं, जिनमें नम्बर है ही नहीं।

Created On :   9 April 2024 11:10 PM IST

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