विधानसभा की 8 सीटों पर 83 दावेदार, कुछ बागी माने-कुछ मैदान में

मुश्किल खड़ी करेंगे बागी जिन्होंने ने नाम नहीं लिया वापस

डिजिटल डेस्क जबलपुर। नाम वापसी के बाद जिले की 8 सीटों की तस्वीर साफ हो गई है, 13 अभ्यर्थियों की नाम वापसी के बाद अब कुल 83 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में हैं। इनमें सबसे अधिक उम्मीदवार ग्रामीण सीट पाटन विधानसभा से हैं, जबकि शहरी में सबसे अधिक दावेदार केंट विस से 15 हैं। वहीं सबसे कम उम्मीदवार 6-6पूर्व और सिहोरा विधानसभा से हैं। इस

प्रकार अब जिले में केवल पाटन में ही 2 ईवीएम मशीन रखी जाएँगी, जबकि बाकी सभी क्षेत्रों में केवल एक मशीन से ही काम चल जाएगा। कलेक्ट्रेट में मौजूद उम्मीदवारों के प्रतिनिधि बागियों के लिए पलक पाँवड़े बिछाए खड़े रहे और जब उन्होंने नाम वापस ले लिया, तब मुख्य दावेदारों ने चैन की साँस ली। हालांकि हर तरफ से बिछाई गई शतरंज की बिसात के बाद भी कुछ बागी ऐसे रहे, जिन्होंने नाम वापस नहीं लिया।

गुरुवार को विधानसभा चुनाव में दोपहर 3 बजे तक नाम वापसी का समय तय था। इसके लिए मान-मनौव्वल का लम्बा दौर चला और कई बागियों ने बिना शर्त नाम वापस लिया, जबकि कुछ ने सशर्त ऐसा िकया। अब 17 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिए प्रत्याशियों के नाम तय हो चुके हैं।

इन्होंने लिया नाम वापस-

पाटन विधानसभा क्षेत्र से शिवम पलहा, एड. श्याम सुंदर यादव ने नाम वापस लिया। अब पाटन से 19 दावेदार मैदान में हैं। बरगी से किसी ने नाम वापस नहीं लिया, अब यहाँ कुल 9 अभ्यर्थी चुनाव लड़ेंगे। पूर्व से राम िसंह जाट ने नाम वापस लिया अब यहाँ 6 दावेदार हैं। उत्तर से कमलेश अग्रवाल, प्रदीप विश्वकर्मा और मो. शरीफ खान ने नाम वापस लिया, अब यहाँ 8 दावेबार हैं। केंट से राजेश श्रीवास्तव सोनू ने नाम वापस लिया, अब यहाँ 15 प्रत्याशी शेष हैं। पश्चिम से कमलेश खत्री, सुजीत कुमार पटेल और रानू देवेन्द्र चौधरी ने नाम वापस लिया, अब यहाँ 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। पनागर से कौशल्या गोंटिया ने नाम वापस लिया अब यहाँ 10 और सिहोरा से कौशल्या गोंटिया और जमुना मरावी ने

नाम वापस लिया, जिससे अब यहाँ 6 प्रत्याशी शेष हैं।

दिग्गजों ने लगाया दम-

बताया जाता है कि बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बागियों को मनाने के िलए दिग्गज नेता लगातार प्रयास में जुटे रहे। कांग्रेस से सांसद विवेक तन्खा ने जिले की सभी सीटों से ताल ठोक रहे कांग्रेस के बागियों को तो मनाया ही, साथ ही जिनसे पार्टी के प्रत्याशियों को नुकसान हो रहा था, उन्हें भी मनाया। इसी प्रकार भाजपा के भी कई दिग्गज इस कार्य में जुटे रहे तो कई नेता यह भी देख रहे थे कि बागी नाम वापस न ले पाएँ।

Created On :   2 Nov 2023 11:31 PM IST

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