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Jabalpur News: एमबीबीएस में एक अतिरिक्त मर्सी अटेम्प्ट की मांग पर जवाब-तलब

- दलील दी कि पूर्व में याचिका पर राहतकारी आदेश पारित किया गया था।
- कोई छात्र प्रथम वर्ष में उत्तीर्ण नहीं होता है तो उसे एमबीबीएस पाठ्यक्रम छोड़ना पड़ता है।
- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कटनी डिग्री कॉलेज की संबद्धता शुल्क पर 25 प्रतिशत विलंब शुल्क अधिरोपित करने पर रोक लगा दी।
Jabalpur News: एमबीबीएस में एक अतिरिक्त मर्सी अटेम्प्ट की मांग करने के मामले में जस्टिस संजीव सचदेवा एवं जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर के रजिस्ट्रार और नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। खंडवा निवसी अब्दुल परवेज खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में चौथा प्रयास अंतिम प्रयास होता है। यदि कोई छात्र प्रथम वर्ष में उत्तीर्ण नहीं होता है तो उसे एमबीबीएस पाठ्यक्रम छोड़ना पड़ता है।
दलील दी गई कि याचिकाकर्ता 60 फीसदी दिव्यांग है। मेरिट में स्थान पाने पर उसे इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिया गया। एनाटॉमी विषय में अनुत्तीर्ण होने के कारण उसे दूसरे वर्ष में प्रवेश नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई कि उसे एक मर्सी अटेम्प्ट की अनुमति दी जानी चाहिए, नहीं तो उसका कैरियर बर्बाद हो जाएगा।
एमपीआरटीसी के एमडी को अवमानना नोटिस
मप्र हाई कोर्ट के जस्टिस एके सिंह की एकलपीठ ने पूर्व आदेश की नाफरमानी पर मप्र रोड ट्रांसपोर्ट काॅर्पोरेशन के प्रबंधक निदेशक मनीष सिंह व श्रम अधिकारी बिंदु बहादुर सिंह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जबलपुर निवासी राम प्रकाश सिंह की ओर से अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, विनीत टहनगुरिया, अरविंद सिंह चौहान व शुभम वाटकर ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि पूर्व में याचिका पर राहतकारी आदेश पारित किया गया था। इसके तहत सेवा समाप्ति का आदेश निरस्त कर 10 दिन के भीतर सभी देयकों का भुगतान करने कहा गया था, जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश सहित अभ्यावेदन दिया गया लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया।
कॉलेज की संबद्धता पर विलंब शुल्क लगाने पर रोक
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कटनी डिग्री कॉलेज की संबद्धता शुल्क पर 25 प्रतिशत विलंब शुल्क अधिरोपित करने पर रोक लगा दी। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को निर्देश दिए कि 5 मई 2025 तक महाविद्यालय को बिना कोई विलंब शुल्क लिए संबद्धता राशि जमा करने के लिए पोर्टल खोलें। कोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन व अन्य को जवाब पेश करने के निर्देश भी दिए। लाला मथुरा दास शिक्षा समिति की ओर से दीपक पंजवानी, नेहा भाटिया, प्रवीण कुमार ने पक्ष रखा।
Created On :   3 May 2025 6:21 PM IST