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Jabalpur News: मेडिकल में पहली बार बच्चे से निकाला बोन मैरो, जान बचाने उसी को लगाया

- ऑटोलोगस ट्रांसप्लांट, 4 वर्षीय कैंसर पीड़ित को मिली राहत
- पूरी प्रक्रिया में डीन डॉ. नवनीत सक्सेना का भी मार्गदर्शन मिला।
Jabalpur News: आमतौर पर बोन मैराे ट्रांसप्लांट में डोनर द्वारा दिया गया बोन मैरो जरूरतमंद को लगाया जाता है, लेकिन नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में पहली बार एक पीड़ित के उपचार के लिए उसका बोन मैरो निकालकर उसी को लगाया गया। इसे ऑटोलोगस ट्रांसप्लांट कहते हैं। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट स्थित बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में ट्रांसप्लांट के बाद बच्चा अब स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज करने की तैयारी है।
बीएमटी यूनिट प्रभारी डॉ. श्वेता पाठक ने बताया कि तेंदूखेड़ा निवासी किसान परिवार का एक 4 वर्षीय बालक करीब 1 वर्ष पूर्व न्यूरो ब्लास्टोमा की समस्या से पीड़ित था। इसमें बच्चे की किडनी के ऊपर तकरीबन 16 सेमी का कैंसर ट्यूमर था। बच्चे का उपचार शुरू किया गया, जिसमें पहले रेडिएशन और कीमो द्वारा ट्यूमर को पूरी तरह खत्म किया गया और फिर ऑटोलोगस ट्रांसप्लांट के लिए बच्चे के बोन मैरो से 250 एमएल ब्लड निकालकर सेल्स की संख्या की जांच की गई।
मानकों पर खरा उतरने के बाद यह ब्लड को दोबारा प्रत्यारोपित कर दिया गया। ऐसा इसलिए किया ताकि कीमो के दौरान बच्चे की जान को खतरा न हो। बच्चा अब ठीक है और उसे जल्द ही डिस्चार्ज किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज में यह चौथा सफल प्रत्यारोपण है। बच्चे का उपचार पूरी तरह नि:शुल्क हुआ, जिसमें यूनिट के चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ का भी सहयोग रहा। पूरी प्रक्रिया में डीन डॉ. नवनीत सक्सेना का भी मार्गदर्शन मिला।
Created On :   12 Sept 2025 6:21 PM IST