Jabalpur News: हर माह 40 से अधिक रोगी, महिलाओं से 3 गुना पीड़ित पुरुष

हर माह 40 से अधिक रोगी, महिलाओं से 3 गुना पीड़ित पुरुष
विश्व एड्स दिवस: विशेषज्ञों के अनुसार बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा अस्त्र जागरूकता

Jabalpur News: जागरूकता के तमाम उपायों के बाद भी जिले में एड्स पीड़ित लगातार मिल रहे हैं, हालांकि इस वर्ष गत वर्ष के मुकाबले संख्या में मामली गिरावट है। जनवरी से लेकर नवंबर माह तक जिले में हर माह 40 से अधिक रोगी स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज हुए हैं। इस बीमारी से पीड़ित पुरुषों और महिलाओं के अलावा ट्रांसजेंडर्स भी हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि बीमारी का विस्तार पुरुषों में महिलाओं से तीन गुना तक अधिक है। पीड़ितों की उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच है। आज 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा अस्त्र जागरूकता है। बीमारी को छिपाने या संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव करने के बजाय, जागरूकता, बचाव, जांच और उपचार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सभी नागरिक और संस्थाएं मिलकर ही इस महामारी को नियंत्रित कर सकते हैं।

शिविरों के माध्यम से हो रही पहचान

जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संतोष ठाकुर ने बताया कि विभाग द्वारा शिविरों के माध्यम से लगातार पीड़ितों की पहचान की जा रही है। एआरटी सेंटर से पीड़ितों काे दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। विश्व एड्स दिवस पर आज जिला अस्पताल विक्टोरिया से रैली का आयोजन दोपहर 12 बजे से किया गया है। रैली घंटाघर होते हुए कलेक्ट्रेट चौक पर समाप्त होगी।

एआरटी सेंटर से मिल रहीं दवाएं

वर्तमान में 2230 मरीजों को मेडिकल कॉलेज के एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर से नियमित रूप से दवा और परामर्श प्रदान किया जा रहा है। एआरटी थेरेपी एचआईवी के शरीर में फैलने की गति को धीमा करके रोगी के जीवन को बेहतर और लंबा बनाने में मदद करती है।

कमजोर हो जाती है प्रतिरोधक क्षमता

जन जागरूकता बढ़ाना ही एड्स से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) के कारण होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त, इंजेक्शन साझा करना और मां से शिशु में संक्रमण होना, इसके मुख्य कारण हैं।

Created On :   1 Dec 2025 6:59 PM IST

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