Jabalpur News: बिजली दरों में वृद्धि पर जताई आपत्ति आयोग से कहा दरों में कटौती की जाए

बिजली दरों में वृद्धि पर जताई आपत्ति आयोग से कहा दरों में कटौती की जाए
  • नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने सौंपी याचिका, महाराष्ट्र मॉडल अपनाने की मांग
  • विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 86(2) के अंतर्गत शासन को निर्देश देकर गैर-जरूरी खर्चों को रोका जाए।

Jabalpur News: मध्य प्रदेश में बिजली दरों में हुई हालिया वृद्धि को लेकर उपभोक्ताओं के हित में आवाज उठी है। नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को एक याचिका सौंपते हुए 29 मार्च 2025 को जारी 4 प्रतिशत बिजली दर वृद्धि के आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है। उन्होंने अपनी याचिका में महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा हाल ही में लिए गए ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए बताया कि महाराष्ट्र में आगामी पांच वर्षों में बिजली दरें 26 प्रतिशत तक घटेंगी।

इसका पहला चरण 10 प्रतिशत की कटौती के साथ शुरू हो रहा है। यह निर्णय वहां रेवेन्यु गैप "जीरो' करने की सख्त नीति का प्रतिफल है। इसके विपरीत, मध्य प्रदेश में रेवेन्यु गैप घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, लगातार कंपनियों के विखंडन और प्रशासनिक खर्चों के बढ़ने से यह अंतर और गहराया है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जहां महाराष्ट्र में 20 हजार मेगावाॅट बिजली वितरण हेतु केवल एक वितरण कंपनी कार्यरत है, वहीं मध्य प्रदेश में मात्र 10 हजार मेगावाॅट के लिए तीन वितरण कंपनियां बनाई गई हैं। इसके अलावा अब पाॅवर मैनेजमेंट कंपनी का भी विखंडन प्रस्तावित है, जिससे वर्ष 2025-26 के लिए अनुमोदित खर्च में 467 करोड़ रुपए की वृद्धि अनुमानित है।

याचिका में की गईं प्रमुख मांगें

महाराष्ट्र मॉडल को अपनाकर रेवेन्यु गैप को शून्य किया जाए। बिजली दरों में हालिया 4 प्रतिशत वृद्धि को वापस लिया जाए। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 86(2) के अंतर्गत शासन को निर्देश देकर गैर-जरूरी खर्चों को रोका जाए।

याचिका में यह भी कहा गया है कि यदि सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो राज्य में हर वर्ष बिजली दरें बढ़ने का सिलसिला यूं ही जारी रहेगा, जो उपभोक्ताओं पर सीधा भार है।

Created On :   27 Jun 2025 6:40 PM IST

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