Jabalpur News: प्लेटफाॅर्म के लिए ढूंढना पड़ता है रास्ता, हर तरफ गार्डन और वाहन आते हैं नजर

प्लेटफाॅर्म के लिए ढूंढना पड़ता है रास्ता, हर तरफ गार्डन और वाहन आते हैं नजर
  • मुख्य स्टेशन में मालगोदाम की ओर से कहीं से भी वाहन ले जाओ पता नहीं चलता निकलना कहां से है, यहां आने वाले हो रहे परेशान
  • रेलवे द्वारा पार्किंग स्थल पर गार्डन बनाने से पार्किंग का दायरा काफी कम हो गया है।

Jabalpur News: तीन साल पहले रेलवे, जिला प्रशासन के साथ नगर निगम की टीम ने संयुक्त निरीक्षण कर मालगोदाम की ओर पार्किंग व ट्रैफिक सिस्टम का प्लान तैयार किया। इसकी कार्य योजना में यह शामिल किया गया कि मालगोदाम मुख्य मार्ग पर एक भी दुकान नहीं लगेगी। फुटपाथ के पीछे फेंसिंग लगाकर चाय-पान के टपरों के लिए स्थान सुनिश्चित किया गया।

पार्किंग सिस्टम को दुरुस्त रखने सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया कि स्टेशन परिसर में बनी रोटरी के आगे एक भी वाहन नहीं जाएगा। मगर इन सब निर्णयों का खुला उल्लंघन अभी भी देखने को मिल रहा है। सुंदरता के नाम पर रेलवे ने पार्किंग के स्थान पर जो गार्डन व निर्माण किए हैं उससे तो लोगों को यह समझ में नहीं आता कि प्लेटफाॅर्म में जाना है तो कहां से जाएं, हर तरफ गार्डन और घुमावदार निर्माण कार्य ही नजर आ रहे हैं। यहां पार्किंग सिस्टम का तो पता ही नहीं चलता है।

90 करोड़ से री-डेवलपमेंट

4 साल पूर्व करीब 90 करोड़ रुपए से हुआ है री-डेवलपमेंट।

इसमें पीएल-1 से लेकर 6 तक हुए कार्य, सीलिंग बनीं, गार्डन बना और धुआंधार की अनुकृति भी।

अव्यवस्था अभी भी

मुख्य मार्ग से एक साथ दो चार-पहिया वाहन नहीं निकल सकते।

हर तरफ अतिक्रमण का मकड़जाल। ऑटो व अन्य वाहनों की धमाचौकड़ी से यात्री परेशान।

पार्किंग दायरा घटने से यह नुकसान

रेलवे द्वारा पार्किंग स्थल पर गार्डन बनाने से पार्किंग का दायरा काफी कम हो गया है। खासकर चार-पहिया वाहनों के लिए तो जगह ही नहीं बची है। इसका खामियाजा स्टेशन पहुंचने वाले आम आदमी को उठाना पड़ रहा है, अब पार्किंग संचालक कहीं भी वाहन खड़ा करो चाहे दायरे के बाहर भी खड़ा करो, वाहन शुल्क वसूल रहा है।

फेंसिंग तोड़कर बाहर आ गईं दुकानें

जिन दुकानों को फेंसिंग के पीछे किया गया था वह चंद महीनों में ही फेंसिंग तोड़कर सड़क पर लग रही हैं। इन दिनों सड़क के दोनों ओर चाय-पान के टपरे और नाश्ता के साथ ही अस्थाई भोजनालय को मिलकर 26 दुकानें यहां लग रही हैं जो आवागमन में बाधक हैं। चंद दिनों पहले इस तरह के अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई जरूर की गई लेकिन वे फिर जम गए।

Created On :   23 Jun 2025 1:53 PM IST

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