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Jabalpur News: फर्जी आईटीसी से की करोड़ों की टैक्स चोरी लोहा और सीमेंट के बड़े प्रतिष्ठानों पर छापे

- सीजीएसटी ने फर्जी आईटीसी रैकेट का किया भंडाफोड़
- दस्तावेज के साथ जब्त किए डिजिटल साक्ष्य
- बरामद दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है
Jabalpur News: सेन्ट्रल जीएसटी जबलपुर ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के फर्जी लाभ और वितरण से जुड़ी एक बड़े पैमाने की कर चोरी का भंडाफोड़ किया है। यह ऑपरेशन आयुक्त लोकेश कुमार लिल्हारे के नेतृत्व में विशिष्ट खूफिया सूचनाओं और डेटा विश्लेषण के आधार पर संचालित किया गया है। जिसकी प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कुछ संस्थाओं ने बिना किसी वास्तविक वस्तु के आवागमन के फर्जी चालान जारी कर आईटीसी का अनुचित लाभ लिया और उसे अन्य इकाइयों तक पास किया, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। सूत्रों के अनुसार विस्तृत जांच के बाद इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रायपुर से आ रहे सरिया को कई तरीकों से मध्य प्रदेश एवं देश के विभिन्न राज्यों में ले जाया जा रहा है। जिसमें अंडर वैल्यूएशन, अंडर वेट, अंडर बिलिंग एवं कई तरह से फर्जी जानकारियां उपयोग की जा रही हैं। इस संबंध में पिछले 15 दिन से विभाग द्वारा ट्रांसपोर्टर्स को ट्रांजिट चेक एवं डीलर्स को छापेमार कार्रवाई द्वारा सेंसिटाइज किया जा रहा है।
इस कार्रवाई में जबलपुर शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में कई व्यापारिक और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की गई, जिसमें फर्जी चालान, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स एवं संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि इस रैकेट में कई प्रमुख लोहा एवं सीमेंट व्यापारियों की संलिप्तता है।
इन प्रतिष्ठानों के परिसरों पर मारे गए छापे- सीजीएसटी अधिकारियों के अनुसार जिन प्रतिष्ठानों पर छापे मारे गए उनमें गूमर ट्रेडर्स, एएस ट्रेडर्स, एमपी ट्रेडिंग, विश्वकर्मा ट्रेडर्स, कमला ट्रेडर्स, पीयूष ट्रेडर्स, विजय कुमार मिश्रा कंस्ट्रक्शन्स (भोपाल-रीवा) एवं श्री सुंदरम इन्फ्राकॉन शामिल हैं।
इन सभी प्रतिष्ठानों के परिसरों पर की गई तलाशी कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं, जिनके आधार पर विस्तृत जांच की जा रही है।
रैकेट में कई पेशेवर लोग
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है, जब सीजीएसटी द्वारा इस प्रकार की कर चोरी के रैकेट का खुलासा किया गया है। विगत वर्ष भी इसी तरह के एक मामले में गहन जांच के पश्चात एक चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं एक करदाता को गिरफ्तार किया गया था। जिन पर फर्जी चालान के माध्यम से करोड़ों रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने और वितरित करने का आरोप सिद्ध हुआ था।
उस मामले की जांच में यह भी सामने आया था कि किस प्रकार से पेशेवर व्यक्ति जैसे कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कारोबारी आपसी गठजोड़ के माध्यम से जाली दस्तावेजों और कंपनियों का उपयोग कर टैक्स प्रणाली का दुरुपयोग कर रहे थे।
जिसके आधार पर वर्तमान प्रकरण की जांच के आधार पर सीजीएसटी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह एक संगठित नेटवर्क है, जिसमें कई व्यापारी, मध्यस्थ और पेशेवर शामिल हो सकते हैं। बरामद दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इससे जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान एवं गिरफ्तारी की संभावना है।
Created On :   25 July 2025 6:40 PM IST