Jabalpur News: मेंटेनेंस में लाखों खर्च, 3 माह में नहीं लगे वॉशरूम के दरवाजे

मेंटेनेंस में लाखों खर्च, 3 माह में नहीं लगे वॉशरूम के दरवाजे
  • विडंबना: बिजली कंपनी के शक्तिभवन कार्यालय में बड़ी लापरवाही, उपभोक्ता और कर्मचारी परेशान
  • शिकायतें हुईं तो आनन-फानन में दरवाजे लगाए गए और मामले को शांत किया गया।
  • महिला प्रसाधन में तो दरवाजे लगा दिए गए लेकिन पुरुष प्रसाधन अब भी बिना दरवाजों के उपयोग किया जा रहा है।

Jabalpur News: बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन आर्किटेक्चरी की मिसाल है। पहाड़ों के बीच 5 एकड़ से ज्यादा एरिया में इसका निर्माण किया गया था। यहां 16 ब्लॉक बनाए गए हैं, जो सभी अंदर से इंटरकनेक्ट भी हैं। इसके रखरखाव को लेकर हर साल लाखों का खर्चा भी होता है। यहां का सबसे प्रमुख कार्यालय पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का है, जिसके कई कार्यालयों को अच्छे रखरखाव और मापदंडों का पालन करने की वजह से आईएसओ का दर्जा भी प्राप्त हुआ है।

इसी दफ्तर के एंट्री प्वाॅइंट पर बने पुरुष प्रसाधन (वॉशरूम) में तीन महीने पूर्व महंगी एसेसरीज और आधुनिक सामान लगाया गया था, लेकिन कार्य पूरा होने के बाद इसके कमोड एरिया में दरवाजे नहीं लगाए गए। इस गड़बड़ी का खामियाजा यहां के कर्मचारियों के साथ उन विजिटर्स को भुगतना पड़ रहा है, जो अपने काम के सिलसिले में यहां पहुंचते हैं। सूत्रों के अनुसार पुरुष प्रसाधन की तरह कई दिनों तक महिला प्रसाधन के भी यही हाल थे, लेकिन जब शिकायतें हुईं तो आनन-फानन में दरवाजे लगाए गए और मामले को शांत किया गया।

जिम्मेदार कौन ये तय नहीं

शक्ति भवन के रखरखाव का काम बिजली कंपनी का सिविल मेंटेनेंस विभाग देखता है। नए होने वाले सभी निर्माण निजी ठेकेदारों से कराए जाते हैं, जिनका सुपरविजन विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाता है लेकिन बीते तीन महीने से वॉशरूम में दरवाजे क्यों नहीं लगे इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है।

दरवाजे पहले बने, निर्माण बाद में हुआ

सूत्रों के अनुसार सिविल मेंटेनेंस विभाग ने शक्ति भवन के सभी 16 ब्लॉकों के पुरुष-महिला प्रसाधनों का नए सिरे से निर्माण कराया था। जिसका काम एक निजी ठेका कंपनी को दिया गया था। जिसने सभी प्रसाधनों की डिजाइन के हिसाब से दरवाजे पहले बना लिए थे लेकिन ब्लॉक 7-8 के बीच वॉशरूम में दरवाजे नहीं लगे उसका निर्माण बाद में हुआ जिसके कारण पहले से तैयार दरवाजे वहां फिट नहीं हो पाए और ठेकेदार ने जल्द ही नए गेट लगाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

महिला प्रसाधन में तो दरवाजे लगा दिए गए लेकिन पुरुष प्रसाधन अब भी बिना दरवाजों के उपयोग किया जा रहा है। जिम्मेदारों की इस गलती से सबसे ज्यादा परेशानी निचले स्तर के नियमित कर्मचारियों के साथ आउटसोर्स कर्मियों को उठानी पड़ रही है।

इस बारे में हमें जानकारी है, निर्माण के दौरान डिजाइन में कुछ बदलाव हो गया था, जिसके कारण दरवाजे वहां फिट नहीं हो पाए थे। जल्द से जल्द नए दरवाजे बनवाकर यहां लगवा दिए जाएंगे।

-मिलिंद चौधरी, कार्यपालन यंत्री, सिविल मेंटेनेंस विभाग शक्तिभवन

Created On :   24 July 2025 1:56 PM IST

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