- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- 400 करोड़ की सड़क पर लगने थे 40...
Jabalpur News: 400 करोड़ की सड़क पर लगने थे 40 हजार पौधे, अब तक चार हजार भी नहीं लगा पाए

Jabalpur News: किसी भी हाईवे के बनने के बाद सड़क के रखरखाव को लेकर निर्माण कंपनियां मुकर जाती हैं। जनता हाईवे पर चलने के दौरान पूरा टोल देती है और मेंटेनेंस न होने का खामियाजा हादसों के रूप में सामने आता है। इसमें बानगी के तौर पर जबलपुर से भोपाल हाईवे के पहले हिस्से को लिया जा सकता है। राजधानी तक जाने वाली सड़क के 55 किलोमीटर के हिस्से में हरियाली बनाए रखने के लिए निर्माण कंपनी को करार के तहत सड़क बनते ही 40 हजार पौधे लगाकर देने थे।
इन 4 सालों में हुआ यह है कि 400 करोड़ से बनी सड़क पर कंपनी ने दोनों ओर 4 हजार पौधे भी नहीं लगाए। इसको लेकर मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन के अधिकारियों ने विरोध किया। भोपाल तक पत्र व्यवहार किया पर ये पौधे नहीं लग सके। सड़क किनारे पौधे नहीं लगाए गए और सड़क के मेंटेनेंस में भी लापरवाही बरती गई, अब एमपीआरडीसी ने कंपनी को नोटिस थमाया है। इस नोटिस में कहा गया है कि सड़क किनारे पूरे 40 हजार पौधे लगाकर दें और पूरे मार्ग को लायबिलिटी पीरियड खत्म होने से पहले अपग्रेड करके दें।
एक नजर इस पर
कुल 55 किलोमीटर का एरिया है पहले हिस्से में
लगभग 4 साल पहले, 200 फीट चौड़ी सड़क बनी
इसमें सभी प्रमुख टाउन में बायपास बनाए गए हैं
जल्द ही सड़क अब एनएचएआई को ट्रांसफर होगी
सड़क के दोनों किनारे पर लगने थे -
400 करोड़ से रोड अंधमूक चौराहे की सीमा से बेलखेड़ा मनकेड़ी के आगे हिरण नदी की सीमा तक बनी है। इसमें दोनों सर्विस रोड और अंडर व्हीकल, अंडर पैसेंजर पास के किनारे से लेकर मुख्य सड़क के किनारे हिस्से में ये पौधे लगने थे। सड़क जब बनकर तैयार हुई तभी यह काम होना था, ताकि जब लायबिलिटी पीरियड कंपनी का खत्म हो तो ये पौधे पेड़ के रूप में तैयार हो जाएं। अब कंपनी का मेंटेनेंस दायित्व पीरियड अगले साल फरवरी में खत्म हो रहा है। अभी सड़क का मेंटेनेंस है नहीं और पौधे गायब हैं।
अब तक पौधे बन जाते पेड़
जानकारों का कहना है कि भोपाल हाईवे पर यदि 4 साल पहले पौधे पूरी शर्तों के अनुसार लगाए जाते तो अब तक ज्यादातर पौधे पेड़ के रूप में तैयार हो जाते। तेजी से बढ़ने वाली प्रजातियों के पौधे आम तौर पर 2 से 3 साल में बड़े हो जाते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार यदि 20 से 25 हजार पौधे भी लगाए जाते, तो इनमें से कम से कम 60 फीसदी पौधे केयर के बाद बड़े हो जाते। निर्माण कंपनी के मेंटेनेंस और पौधा रोपण की शर्त से मुकरने को लेकर एमपीआरडीसी डीएम राकेश मोरे से संपर्क करने का प्रयास किया गया, पर बात संभव नहीं हो सकी।
Created On :   17 Nov 2025 5:43 PM IST












