करोड़ों की धान बाहर ही पड़ी रह गई, अब सडऩे की कगार पर

किसानों में आक्रोश, सुरक्षित की जाए धान, सडऩे की आशंका

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मौसम की लगातार मार झेलती वेयर हाउसों के बाहर रखी धान अब सडऩे की कगार पर आ गई है। हालांकि दावा तो यह भी िकया जा रहा था िक बाहर रखी अधिकांश धान गुणवत्ताहीन ही थी। इस मामले की जाँच और किसानों का पक्ष जानने पिछले दिनों ग्राम बरौदा में कलेक्टर की पहल पर चौपाल लगाई गई, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकल पाया है। बहरहाल जानकारी के अनुसार केवल 2 वेयर हाउसों में ही लगभग 90 हजार क्विंटल धान बाहर रखी है, जो कि बरबाद होने की कगार पर है। यह करोड़ों की धान है और िकसानों का कहना है िक भले ही धान िकसी की भी हो, लेकिन उसे सुरक्षित िकया जाए, क्योंिक अनाज को बरबाद नहीं किया जाना चाहिए।

बिना अनुमति धान का भंडारण करने के बाद जिला प्रशासन ने वेयर हाउसों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इसके बाद कई ने धान का उठाव कर लिया और बहुत से किसान भी अपनी धान उठाकर ले गए। इसके बाद भी चंसोरिया वेयर हाउस पनागर और माँ रेवा वेयर हाउस भिडऱी में ही करीब 90 हजार क्विंटल धान

का भंडारण है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 19 करोड़ होती है। ये धान बाहर ही लगभग पूरी तरह असुरक्षित है और पिछले दो िदनों से मौसम बिगड़ा हुआ है, जिससे धान के सडऩे की आशंका जताई जा रही है।

मौसम के बिगडऩे पर ही हुआ था खुलासा-

दिसम्बर में जब धान की खरीदी शुरू हुई थी, उसी के बाद मौसम में भी बदलाव आ गया था और बारिश होने लगी थी। इसके बाद धान को सुरक्षित करने की माँग उठी थी। उसी समय पता चला था िक बिना अनुमति ही कई वेयर हाउसों में धान का भंडारण भी

िकया गया है। मामला यहीं से आगे गया और पता चला कि केवल दो-चार नहीं, बल्कि 46 वेयर हाउस में धान का अवैध तरीके से भंडारण किया गया था और भोपाल की टीम ने जाँच के बाद यह खुलासा िकया था।

चौपाल में भी बोले थे किसान-

कलेक्टर द्वारा आयोजित की गई चौपाल में भी बहुत से किसानों ने माँग रखी थी िक धान को सुरक्षित िकया जाए और यह पता कराया जाए कि धान आखिर है िकसकी। प्रशासन ने यहाँ हुए फर्जी रजिस्ट्रेशन की जाँच कराने की भी बात की थी, लेकिन उस पर भी अभी तक कुछ नहीं िकया गया है। किसानों ने साफ तौर पर कहा था कि धान में जो हुआ सो हुआ, अब गेहूँ में ऐसा नहीं होना चाहिए।

Created On :   13 Feb 2024 10:15 PM IST

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