- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- ...हाँ पापा में खाना खाकर जल्दी रूम...
...हाँ पापा में खाना खाकर जल्दी रूम में लौट आऊँगी
डिजिटल डेस्क जबलपुर। महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुए कार एक्सीेडेंट में शहर की इंजीनियर युवती 25 वर्षीय अश्विनी कोष्टा एवं उसके साथी शहडोल निवासी अनीश अवधिया की मौत से हर कोई स्तब्ध है। सोमवार की शाम जहाँ मृतका का पार्थिव शरीर परिजनों द्वारा घर लाया गया, वहीं मंगलवार को गमगीन माहौल में उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इस बीच अश्विनी ने अपने पिताजी अशोक कोष्टा से जो आखिरी बातें की थीं उन्हें याद कर-करके पूरा परिवार बार-बार द्रवित होता रहा और उनके पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों को भी यह यकीन नहीं हो रहा है कि अश्विनी अब इस दुनिया में नहीं रही।
गौरतलब है िक पुणे िस्थत जॉनसन कंट्रोल नामक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत 25 वर्षीय अश्विनी कोष्टा एवं उसके परिचित शहडोल निवासी अनीश अवधिया शनिवार की रात भोजन करने के उपरांत अपने रूम में वापस लौट रहे थे। उसी वक्त पोर्श कार में सवार 4 नाबालिगों ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी थी। इस हादसे में अश्विनी एवं उनके परिचित युवक को गंभीर चोटें आ गईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
रात 3 बजे अश्विनी के मोबाइल से ही आया कॉल
मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शक्ति भवन में कार्यरत अशोक कोष्टा ने बताया कि रविवार की दोपहर करीब 3:30 बजे उनकी बेटी अश्विनी ने कॉल किया था। इस दौरान उसने यह बताया था कि इंदौर निवासी एक फ्रेंड पुणे आई हुई है और उसके साथ वह भोजन करने के लिए कहीं जा रही है। इस पर अशोक ने अश्विनी से जल्दी रूम में वापस आने को कहा। तब अश्विनी ने भी जल्दी से खाना खाकर वापस आने की इच्छा जताई थी। लेकिन इसी बीच रात करीब 3 बजे अशोक को एक युवक ने अश्विनी के मोबाइल से ही कॉल कर जल्दी पुणे आने के लिए कहा। इस पर बिना देर किए वे सपरिवार पुणे के लिए रवाना हो गए।
अहमदाबाद होकर पहँुचे तब मिली पीएम होने की जानकारी
अशोक की मानें तो शहर से वे सपरिवार नागपुर पहँुचे लेकिन वहाँ से फ्लाइट नहीं मिलने पर वे लोग पहले अहमदाबाद पहँुचे। इसके बाद पुणे शहर गए लेकिन जब वे लोग वहाँ पहँुचे तब उन्हें यह जानकारी मिली कि अश्विनी कार एक्सीडेंट के बाद दुनिया में नहीं रही और उसका पीएम भी हो चुका है। इसके बाद अशोक एवं उनकी पत्नी ममता कोष्टा स्वयं को संभालते हुए अपनी बेटी का शव शहर लेकर आए और मंगलवार को गौरीघाट मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
किसी और की बेटी के साथ न हो ऐसा
इस दौरान अशोक ने यह भी कहा कि तेज रफ्तार कार ने उनकी बेटी की जान ले ली है। लेकिन आगे से किसी और की बच्ची के साथ ऐसा न हो। इसके लिए कड़े कानून बनने चाहिए और हर व्यक्ति को नियंत्रित गति में अपना वाहन चलाना चाहिए। उनके अनुसार शहरवासियों का जिस तरह से उन्हें सहयोग मिला है उसे देखकर उन्हें यह पूरा भरोसा है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ अवश्य कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
युवक का शव भी पहँुचा शहडोल
मृतका अश्विनी के शव के साथ ही उसके परिचित अनीश अवधिया का शव भी उसके गृह नगर पहँुच गया। जहाँ मंगलवार को अनीश का भी गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। इस भयावह हादसे के बाद दोनों ही परिवार बुरी तरह से टूट चुके हैं और उनके परिचित व रिश्तेदारों द्वारा सांत्वना देकर संभालने का प्रयास किया जा रहा है।
Created On :   21 May 2024 10:45 PM IST