Mumbai News: मुख्यमंत्री कार्यालय से रखी जा रही है मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी पर नजर

मुख्यमंत्री कार्यालय से रखी जा रही है मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी पर नजर
  • अधिकारियों के कामकाज का किया जा रहा है आकलन
  • मुख्यमंत्री कार्यालय में दो विशेष अधिकारियों की नियुक्ति

Mumbai News राज्य सरकार ने मंत्रियों के बाद अब उनके निजी सचिव और विशेष कार्यकारी अधिकारी (ओएसडी) के कामकाज का आकलन करना शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से राज्य के सभी विभागों के कामकाज का ब्यौरा लिया गया और उनका आकलन कर ग्रेड दिए गए, अब उसी तरह से मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी के कामकाज पर नजर रखनी शुरू कर दी गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में दो विशेष अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है। ये अधिकारी मंत्रियों के सचिव और ओएसडी के कामकाज की सीधी रिपोर्ट मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचाएंगे। कामकाज में ढिलाई बरतने और लापरवाही के साथ-साथ अवैध गतिविधियों में शामिल रहने वाले अधिकारियों को चेतावनी भी दी जाएगी।

मंत्रियों के बाद अब अधिकारियों पर नजर : मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि जब देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कुर्सी संभाली थी तो मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद उन्होंने सभी मंत्रियों को साफ सुथरी छवि वाले अधिकारियों को निजी सचिव और ओएसडी रखने का फरमान सुनाया था। इस फैसले के चलते कई मंत्रियों को दो से ढाई महीने तक निजी सचिव और ओएसडी नहीं मिल पाए थे। अधिकारी ने कहा कि मंत्रियों के कामकाज का जिस तरह से लेखा जोखा लिया जा रहा है, वैसे ही अब सभी मंत्रियों के सचिव, निजी सचिव और ओएसडी के कामकाज नजर रखनी शुरू की गई है। इनके कामकाज का बारीकी से अध्ययन भी किया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में दो अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही अधिकारी कहीं अवैध गतिविधि में तो शामिल नहीं हैं, इसको लेकर भी नजर रखने को कहा गया है।

जब ओएसडी की नियुक्ति में फडणवीस का था दखल : राज्य सरकार के गठन होने के 2 महीने बाद भी कई मंत्रियों के निजी सचिव की नियुक्ति इसलिए नहीं हो पाई थी क्योंकि कई मंत्रियों ने निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति के लिए ऐसे अधिकारियों की सिफारिश की थी या तो वो स्वच्छ छवि के नहीं थे या फिर उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मुख्यमंत्री ने कई बार मंत्रियों के साथ बैठक में साफ चरित्र एवं स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों की सिफारिश करने के लिए कहा था। फडणवीस के इस फैसले को लेकर शिंदे और अजित गुट में नाराजगी भी देखने को मिली थी। लेकिन फडणवीस ने साफ कर दिया था कि पारदर्शी सरकार चलाने के लिए किसी भी तरीके से समझौता नहीं किया जाएगा।

फडणवीस ने 16 लोगों को बताया था फिक्सर : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उनके सहयोगी मंत्रियों ने जिन निजी सचिव और ओएसडी के नाम की सूची मेरे कार्यालय में भेजी, उसमें 125 नाम में से 16 लोगों की नियुक्ति को इसलिए अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं या मुकदमे चल रहे हैं। फडणवीस ने कहा था कि राज्य की स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे व्यक्तियों को इन पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। फडणवीस के इस फैसले पर कई मंत्रियों ने नाराजगी भी जताई थी।


Created On :   1 Jun 2025 7:52 PM IST

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