बॉम्बे हाई कोर्ट: शिक्षिका के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द नहीं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी

शिक्षिका के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द नहीं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी
  • ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला
  • याचिकाकर्ता शिक्षिका और शिकायतकर्ता महिला दोनों पुणे में मार्गोसा हाइट्स हाउसिंग सोसाइटी में रहती हैं।

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली पुणे की शिक्षिका पर दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया। अदालत ने माना कि कुछ लोगों के समूहों में "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ की आड़ में सोशल मीडिया का दुरुपयोग करना एक फैशन बन गया है। इस तरह की हरकतें राष्ट्रीय एकता और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं। यह न केवल देश के प्रधानमंत्री, बल्कि भारतीय सेना के प्रति भी अनादर दर्शाती है। हम अशरफ खान के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण से सहमत हैं।

न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की पीठ ने पुणे की शिक्षिका 46 वर्षीय फराह दीबा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पर अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को जलाने का तस्वीर अपलोड करने का गंभीर आरोप है। उसने देश के प्रधानमंत्री को भी निशाना बनाते हुए संदेश भेजने और भारत के सामने "मक्कार’ शब्द का इस्तेमाल करके अपमानजनक टिप्पणी अपलोड करने का भी आरोप है। उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया कथित अपराध बनता है। इसलिए अपराध की जांच पूरी करने की आवश्यकता है, इसे तार्किक रूप से समाप्त किया जा सके। इस स्तर पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर को रद्द नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने स्वयं दावा किया है कि उसकी मां और पिता के परिवार पाकिस्तान से हैं। इस मामले में जांच किया जाना जरूरी है।

याचिकाकर्ता शिक्षिका और शिकायतकर्ता महिला दोनों पुणे में मार्गोसा हाइट्स हाउसिंग सोसाइटी में रहती हैं। सोसाइटी की एक महिला सदस्य द्वारा सोसाइटी में रहने वाली महिलाओं के लिए ‘साथ साथ मार्गोसा लेडीज' नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। लगभग 380 महिला सदस्य इस व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा बनीं। 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया और पड़ोसी देश और उसके आसपास स्थित आतंकवादी लॉन्च पैडों को नष्ट कर दिया, तो व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' चलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रशंसा करना शुरू कर दिया। याचिकाकर्ता उसी समय एक संदेश भेजा, जिसमें कहा गया कि हमारे पास टीवी और मोबाइल हैं। इसलिए इस समूह का इस्तेमाल राष्ट्रीय समाचार चैनल के रूप में नहीं किया जाना चाहिए, जिस पर ग्रुप की एक सदस्य ने जवाब दिया कि यह राष्ट्र, सेना और प्रधानमंत्री के प्रति एकजुटता दिखाने का सही समय है और वह अपने संदेश को ‘जय हिंद, जय भारत' शब्दों के साथ समाप्त किया। जिस पर कुछ अन्य सदस्यों ने भी ‘जय हिंद' कहा।

याचिकाकर्ता ने तुरंत हंसने वाले इमोजी के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की। इसके बाद उसने अपने भेजे गए व्हाट्सएप संदेशों में प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। सोसायटी की एक महिला सदस्य की शिकायत पर शिक्षिका के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196, 197, 352 और 353 के तहत पुणे के कालेपडाल पुलिस स्टेशन में इस साल 15 मई को एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने उसे नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है। उसने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

Created On :   29 July 2025 9:34 PM IST

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