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Mumbai News: पीओपी की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाब में हो ऐसी मांग केंद्र से करेंगे - पंकजा मुंडे

- पीओपी की मूर्तियों पर पाबंदी का मामला विधानसभा में उठा
- विसर्जन कृत्रिम तालाब में हो ऐसी मांग केंद्र से करेंगे
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों को पर्यावरण के लिए खतरनाक बताए जाने के बाद राज्य सरकार ने पीओपी मूर्तियों के निर्माण, बिक्री और विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब राज्य सरकार में पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान पीओपी की मूर्तियां का विसर्जन कैसे हो, इस पर जवाब देते हुए कहा कि वह पीओपी की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाब में हो, ऐसी मांग केंद्र से करेंगी। राकांपा (अजित) सदस्य चंद्रकांत नवघरे ने बुधवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान पीओपी से बनी मूर्तियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पीओपी पर पाबंदी लगने से मूर्ति बनाने वाले कलाकारों की रोजी रोटी खतरे में आ गई है। नवघरे ने कहा कि मेरा सवाल यह है कि क्या पीओपी की मूर्तियां वाकई में पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं? इस सवाल पर जवाब देते हुए राज्य की पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पीओपी से बनने वाली मूर्तियां बनती रहे इसको लेकर पहल करेंगी। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी 2025 को इसको लेकर बैठक भी आयोजित की गई और इस पर विस्तार से चर्चा हुई है। कुछ संगठनों का कहना है कि पीओपी की मूर्तियां प्रदूषण नहीं फैलाती लेकिन मैंने सभी संगठनों से कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस संबंध में बात की जाएगी उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
पंकजा ने कहा कि इस मामले में राजीव गांधी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग से मदद मांगी गई है। इसके साथ ही इस आयोग से सरकार ने पीओपी की मूर्तियों के होने वाले दुष्परिणाम का अध्ययन करने का भी अनुरोध किया है। आयोग के अध्यक्ष अनिल काकोडकर की अध्यक्षता में एक सदस्य समिति बनाने का भी गठन किया गया है, जो इससे संबंधित फैसला लेगी।
Created On :   12 March 2025 8:35 PM IST












