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Nagpur News: वीएनआईटी में प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा - देश के स्वाभिमान और सम्मान की भाषा है हिंदी

- हिंदी भाषा हमारे अस्तित्व का हिस्सा
- सभ्यता और संस्कृति के विकास की आधारशिला
Nagpur News "वर्तमान दौर टेक्नो-कल्चर का है और इसमें हिंदी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हिंदी भाषा हमारे अस्तित्व का हिस्सा है, हमारी सभ्यता और संस्कृति के विकास की आधारशिला है।" ये विचार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने व्यक्त किए। वे बुधवार, 17 सितम्बर 2025 को विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी), नागपुर में आयोजित हिंदी पखवाड़ा उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं। प्रो. शर्मा ने कहा कि हिंदी हमारे देश के स्वाभिमान और सम्मान की भाषा है। भूमंडलीकरण के इस युग में हिंदी का प्रभाव बाज़ार पर भी दिखाई देता है। हिंदी की शक्ति ने हमें तकनीक के क्षेत्र में भी समृद्ध बनाया है। उन्होंने आह्वान किया कि हमें तकनीक और भाषा के रिश्ते को और मजबूत करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वीएनआईटी के निदेशक प्रो. प्रेमलाल पटेल ने की। उन्होंने कहा कि हिंदी जन-जन की भाषा है और संस्थान में इसके प्रचार-प्रसार के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। प्रो. पटेल ने वीएनआईटी की हिंदी पत्रिका "राजभाषा प्रेरणा" को नराकास द्वारा प्रथम पुरस्कार मिलने पर हिंदी कक्ष के अधिकारी और कर्मचारियों को बधाई दी तथा हिंदी कार्यान्वयन समिति के सदस्यों से पूर्ण सहयोग की अपील की। कार्यक्रम का प्रास्ताविक एवं स्वागत भाषण संकायाध्यक्ष (संकाय कल्याण) एवं हिंदी कार्यान्वयन समिति के कार्याध्यक्ष प्रो. ज्ञानप्रकाश सिंह ने किया। मंच पर समिति के नोडल अधिकारी एवं कुलसचिव श्री सचिन जगदाले भी उपस्थित थे। मुख्य अतिथि का परिचय विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी - हिंदी) श्री एस.पी. सिंह ने कराया। माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान का विशेष संदेश डॉ. वैदेही डाकवाले ने वाचित किया।
समारोह का संचालन एवं सरस्वती वंदना डॉ. भारती पोलके ने की। हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी श्रीमती समीक्षा अलट ने दी। पुरस्कारों की घोषणा सुश्री पूनम उईके ने की और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रभात शर्मा ने प्रस्तुत किया। आयोजन को सफल बनाने में डॉ. प्रकाश कुलकर्णी, डॉ. विष्णु प्रताप सिंह, डॉ. कल्याणी काले, डॉ. मीनल सुरावार, रविन्द्र गाडगे, डॉ. आशीष प्रधाने, राकेश विश्वकर्मा, हर्षद आम्बेकर, राहुल एडे, डॉ. कृतिका बाम्बल और अर्चना तिवारी आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम में संस्थान के संकायाध्यक्ष, सह-संकायाध्यक्ष, विभाग प्रमुख, छात्र एवं बड़ी संख्या में हिंदी प्रेमी उपस्थित थे।
Created On :   19 Sept 2025 8:52 PM IST