नागपुर: संगीत के स्वर्णिम युग याद आते हैं - सरन

  • फिक्स इनकम के लिए करें निवेश
  • रील लाइफ से परिचय कराया

डिजिटल डेस्क, नागपुर. 1960-70 और 1980 का दशक बॉलीवुड संगीत का स्वर्णिम युग रहा। उन दिनों एस. डी. बर्मन, साहिल लुधियानवी, ओपी नैय्यर, पं. शिवकुमार शर्मा, पं. हरिप्रसाद चौरसिया, आर. डी. बर्मन जैसे संगीतकार और लता मंगेशकर, आशा भोसले, किशोर कुमार, मोहम्मद रफी जैसे गीतकारों का उदय हुआ। गीत-संगीत के इन महारथियों की प्रस्तुतियां बॉलीवुड की धरोहर हैं। यह प्रतिपादन प्रख्यात संगीत विश्लेषक सत्या सरन और अजय मनकोटिया ने किया। वे रविवार को ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल अंतर्गत आयोजित सत्र ‘गोल्डन एरा ऑफ बॉलीवुड म्यूजिक’ में बोल रहे थे।

रील लाइफ से परिचय कराया

इस अवसर पर उन्होंने संगीतकार एस. डी. बर्मन व साहिल लुधियानवी के जीवन से जुड़े रोचक प्रसंग सुनाते हुए उपस्थितों को रील लाइफ की वास्तविक और सच्ची कहानियों से परिचय कराया। उन्होंने संगीत की दुनिया में बदलाव से संबंधित गीत, परिस्थितियां और समस्याओं का भी जिक्र किया, जो चुनिंदा गीतों की रिकॉर्डिंग के दौरान उत्पन्न हुई थीं। सत्या सरन व अजय मनकोटिया ने कहा कि संगीत के उस स्वर्णिम युग की यादें साझा करने के लिए सत्र का 40 मिनट का वक्त पर्याप्त नहीं है।

फिक्स इनकम के लिए करें निवेश

निवेश बाजार में पिछले कुछ वर्षों से अस्थिरता बनी है। उतार-चढ़ाव की वजह से कई निवेशक अपनी जमा-पूंजी से हाथ धो बैठे हैं। इस जोखिम को कुछ हद तक कम करने के लिए निवेश के सुरक्षात्मक तरीकों को अपनाया जाना चाहिए। हमें कितना रिटर्न चाहिए, यह तय होना चाहिए। कमाना सभी चाहतें हैं, लेकिन निवेश बाजार का अध्ययन न होने के कारण नुकसान झेलना पड़ता है। छोटी रकम निवेश करें। यह सलाह निवेश सलाहकार केवल भानुशाली, विनोद भट, हर्षवर्धन रघुनाथ व सुसन थॉमस ने दी। वे ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल अंतर्गत ‘स्टॉक्स, स्टार्टअप एंड मोर दी राइजेस ऑफ इंडियन फायनांशियल सेक्टर’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर विशेषज्ञ सलाहकार वक्ताओं ने निवेश की जोखिम को ध्यान में रखने, म्यूचुअल फंड व अन्य कंपनियों में निवेश से पहले कंपनी की आर्थिक स्थिति, लाभांश का आकलन, निवेश की जा रही रकम आदि मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी।

Created On :   27 Nov 2023 6:06 PM IST

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