खाद्य तेलों की एमआरपी में प्रति लीटर 8-12 रुपए तक हो सकती है कटौती

खाद्य तेलों की एमआरपी में प्रति लीटर 8-12 रुपए तक हो सकती है कटौती
  • खाद्य तेलों के दामों में और गिरावट होगी
  • प्रति लीटर 8-12 रुपए तक हो सकती है कटौती
  • मंत्रालय की ऑयल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर एक महीने में यह दूसरी बैठक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आने वाले दिनों में खाद्य तेलों के दामों में और गिरावट होगी। सरकार ने प्रमुख खाद्य तेल संघों को तेलों की एमआरपी में प्रति लीटर 8-12 रुपये तक की तत्काल प्रभाव से कटौती करने के लिए कहा है।

खाने के तेल के दामों में कमी को बरकरार रखने के प्रयासों के तहत उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार को अग्रणी ऑयल इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मंत्रालय की ऑयल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर एक महीने में यह दूसरी बैठक है। बैठक में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया और इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने हिस्सा लिया। आज की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई कि आयातित खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट जारी है और इसलिए खाद्य तेल उद्योग को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि घरेलू बाजार की कीमतों में भी इसी अनुपात में गिरावट आए।

प्रमुख खाद्य तेल संघों को बताया गया कि वे इस मुद्दे को अपने सदस्यों के साथ तुरंत उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि प्रमुख खाद्य तेलों की एमआरपी को प्रति लीटर 8-12 रुपये तत्काल प्रभाव से कम किया जाए। विनिर्माताओं और रिफाइनरों द्वारा वितरकों को दी जाने वाली कीमतों को भी तत्काल प्रभाव से कम करने की जरुरत है ताकि कीमतों में गिरावट किसी भी तरह से कम न हो। मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ऑयल उद्योजकों ने बताया कि वैश्विक बाजार में विभिन्न खाद्य तेलों के पिछले दो महीने में 150-200 अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है। इसके मद्देनजर वे जल्द ही खाद्य तेलों की एमआरपी में कटौती करेंगे।

इससे पहले भी मंत्रालय अग्रणी खाद्य तेल संघ के साथ बैठक कर चुका है जिसके बाद महीने भर में ही रिफाइंड सूरजमुखी और सोयाबीन तेल जैसे कुछ बड़े ब्रैंड ने तेल की एमआरपी में 5-15 रुपये तक की कटौती की है। इसी तरह सरसों और अन्य खाद्य तेलों के दाम घटे। तेल की कीमतों में कमी अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के कारण आई है।

Created On :   2 Jun 2023 2:51 PM GMT

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