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- 114 workers were trapped in Satna for 36 days, UP refused to take its own workers!
दैनिक भास्कर हिंदी: 36 दिन से सतना में फंसे थे 114 मजदूर यूपी नेअपने ही श्रमिकों को लेने से इंकार!

डिजिटल डेस्क सतना। देशव्यापी लॉकडाउन के बीच यहां तकरीबन 36 दिन से फंसे उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के 114 मजदूरों की हालत फिलहाल आसमान से गिरे तो खजूर में अटके जैसी हो गई है। रविवार को दोपहर बाद चित्रकूट में एमपी-यूपी बार्डर पर ये हालात उस वक्त बने जब उत्तर प्रदेश के चित्रकूट प्रशासन ने सतना से 2 बसों में भेजे गए तकरीबन 114 श्रमिकों को यूपी की सीमा के अंदर लेने से इंकार कर दिया। सभी श्रमिकों को फिलहाल जिले की सीमा के अंदर एक राहत कैंप में रखा गया है। उधर, मामला संज्ञान में आने पर कलेक्टर अजय कटेसरिया ने चित्रकूट के जिला प्रशासन से इस संबंध में बात की। कलेक्टर ने बताया कि कुछ आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद 27 अप्रैल को सभी को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाएगा। सभी श्रमिक बाराबंकी के राहतगढ़ के रहने वाले हैं। इन्हें यहां से दोपहर ढाई बजे स्लीपर कोच बसों से भेजा गया था।
आए थे बिलासपुर से :------
उल्लेखनीय है, उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के राहतगढ़ के मूल निवासी सभी श्रमिक मजदूरी के लिए छत्तीगढ़ के बिलासपुर गए हुए थे। लॉकडाउन की आहट मिलते ही सभी ट्रेन से जैसे-तैसे यहां 22 मार्च को पहुंचे , मगर इसी बीच टोटल लॉकडाउन के चलते सतना में ही फंस कर रह गए। इन्हें नगर निगम प्रशासन ने राजेन्द्रनगर के रेल मैदान के एक अस्थाई कैंप बना कर भोजन-पानी की व्यवस्था की। सभी अपने घर जाना चाह रहे थे, इसी बीच हाल ही में जब राज्य शासन ने प्रदेश में फंसे बाहर के श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के निर्देश दिए तो 2अलग -अलग बसों ( एमपी 19 पी 1170 और एमपी 19पी 1285 )से इन श्रमिकों को चित्रकूट के रास्ते उत्तर प्रदेश भेजा गया लेकिन राह में ब्रेक तब लग गया जब उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें अपनी सीमा में लेने से इंकार कर दिया।
2 बसों से खंडवा से पहुंचे 80 मजदूर :-----
रविवार को दोपहर 3 बजे खंडवा से यहां 2 अलग-अलग बसों से लगभग 80 मजदूर यहां पहुंचे। बस में सीधी, रीवा-पन्ना ,चित्रकूट और सतना जिले के श्रमिक थे। यहां आकर बस के ड्राइवर ने आगे जाने से इंकार कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने 3 बसें बुलवाईं और एक बस रीवा-सीधी, दूसरी पन्ना तथा तीसरी बस चित्रकूट के लिए रवाना की गई। इससे पहले सभी की जिला अस्पताल में स्क्रीनिंग कराई गई।
गुजरात से 2000 श्रमिकों को लाने 83 बसों का इंतजाम :--------
देश के दूसरे राज्यों में फंसे जिले के श्रमिकों को लाने के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के तहत पहले चरण में जिला प्रशासन ने गुजरात बार्डर पर मौजूद सतना जिले के 2000 श्रमिकों को लाने के लिए 30 यात्री बसों की व्यवस्था बनाई है। इसी क्रम में शनिवार को सुबह 10 बजे 10 बसों की पहली खेप गुजरात बार्डर के लिए रवाना कर दी गईं।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
मैनेजमेंट स्किल्स: आईसेक्ट द्वारा टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स पर विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट मुख्यालय द्वारा स्कोप कैम्पस में “टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स” पर एम्पलॉइज के लिए विशेष ट्रेनिंग एवं मोटिवेशनल सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन को बतौर मुख्य वक्ता जानी मानी करियर काउंसलर, पर्सनेलिटी ग्रूमिंग एक्सपर्ट और मोटिवेशनल स्पीकर श्रीमति मनीषा आनंद ने संबोधित किया। यह सेशन कार्यस्थल पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया था।
इस दौरान ट्रेनर श्रीमति मनीषा आनंद द्वारा सेल्फ-ऑडिट कैसे करें, अपने विचारों का निरीक्षण और सफाई कैसे करें इत्यादि के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें लोगों को क्षमा करना और जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना सीखना चाहिए तभी हम दूसरे व्यक्ति को सही मायने में समझ सकते हैं और बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट पर बात करते हुए कहा कि अपने कार्यों को उनके महत्व एवं तत्कालिकता के आधार पर प्राथमिकताएं प्रदान करें। सत्र में श्रीमती आरती कुमार, एचओडी, एमओओसीएस (MOOCs), श्रीमती मोनिका सिंह, निदेशक- फिनिशिंग स्कूल एवं कॉर्पोरेट रिलेशंस, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, श्री सुमित मल्होत्रा, एचओडी, एचआर, ने प्रशिक्षण में विशेष रूप से हिस्सा लिया। अपने आभार वक्तव्य में श्रीमती मोनिका सिंह ने सत्र की सराहना की और इस दौरान कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना जैन द्वारा किया गया।
आईसेक्ट के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने इस पहल पर बात करते आईसेक्ट प्रबंधन टीम के प्रयासों को प्रोत्साहित किया और सराहना की और इस तरह के सत्रों को नियमित आयोजित करते हुए कर्मचारियों के लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक से जरिए जनता को मिल पाएगी बेहतरीन वकीलों द्वारा उत्तम सलाह और वह भी बड़ी आसानी से। चाहे वह कोई उपभोक्ता शिकायत हो या कंपनी पंजीकरण कार्य, लाइसेंस और ट्रेडमार्क संबंधी कार्य या कानूनी दस्तावेज, जीएसटी, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवा या संपत्ति संबंधी मामले या साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक और आप्रवास पर सलाह आदि सेवाएं, यह पोर्टल सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होगा।
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समाधान ऐसा जो होगा ग्राहक के बजट में
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