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उड़द-मूंग खरीदी के लिए किसानों के सत्यापन में निकले 4 हजार फर्जी पंजीयन
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। ग्रीष्मकालीन उड़द-मूंग की खरीदी को लेकर जिले में किसानों के पंजीयन का सत्यापन कार्य रविवार देर रात तक जारी रहा। आज सोमवार को अफसर अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए सत्यापन कार्य की रिपोर्ट कलेक्टर छवि भारद्वाज को सौंपी। सूत्रों की माने सत्यापन कार्य में करीब 4 हजार पंजीयन फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, सत्यापन कार्य पूरा होने के बाद रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा, कि वास्तव में कितने पंजीयन फर्जी हैं।
वहीं सत्यापन के साथ-साथ उड़द-मूंग के रकबे की जानकारी भी सामने आ रही है। पता चला है कि उड़द-मूंग खरीदी के लिए जितने रकबे का पंजीयन हुआ था, वह पुनर्सत्यापन के बाद 4 हजार हेक्टेयर घट गया है। बताया जाता है कि पूर्व में हुए सत्यापन में 24 हजार हेक्टेयर भूमि का रकबा होने की जानकारी सामने आ रही थी। जबकि, कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार जिले में ग्रीष्मकालीन उड़द-मूंग का रकबा करीब साढ़े 16 हजार हेक्टेयर का है।
कलेक्टर ने लगाई थी फटकार
खरीदी के लिए हुए पंजीयन का सत्यापन कार्य पहले 21 से 26 जून के बीच किया गया था। इस दौरान गड़बड़ियां मिलने पर शासन स्तर से पुनर्सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद कलेक्टर ने अफसरों की बैठक लेकर उन्हें जमकर फटकार लगाई थी। कलेक्टर ने चेतावनी तक दी थी, कि गड़बड़ी करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा और संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। कलेक्टर ने पुर्न सत्यापन के लिए तीन दिन की मियाद देते हुए कहा था कि 1 जुलाई तक हर हाल में सत्यापन कार्य पूरा कर लिया जाए और इसकी रिपोर्ट तत्काल उन्हें सौंपी जाए। कलेक्टर के निर्देशों के बाद से ही अफसर देर रात तक पंजीयन का सत्यापन करने गांव-गांव घूमते रहे।
पंजीयन में जमकर हुई धांधली
सूत्र बताते हैं कि समर्थन मूल्य पर उड़द-मूंग खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन में जमकर धांधली हुई है। किसानों के नाम पर कई बिचौलियो ने अपना पंजीयन करवा लिया। इसमें बिचौलियों ने तो गड़बड़ी की ही, साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर बरती गई अनदेखी और लापरवाही का भी बिचौलियों ने जमकर फायदा उठाया। यही वजह रही कि निर्धारित रकबे से कई गुना ज्यादा पर उड़द-मूंग की खरीदी का दावा कर बिचौलियों ने पंजीयन करवा लिया। जानकारों की माने तो, यह अच्छा हुआ कि प्रशासन ने तत्काल इस दिशा में कार्रवाई करना शुरु कर दिया, नहीं तो बड़ी संख्या में बिचौलिए लाभ उठा सकते थे।
Created On :   2 July 2018 9:19 AM GMT