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तहसीलों में अटके 6 हजार प्रकरण, अब नहीं हुई सुनवाई तो सिस्टम जनरेट कर देगा तारीख
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नामांतरण, बँटवारा, सीमांकन और भूमि सुधार से जुड़े 6 हजार से ज्यादा प्रकरण तहसील न्यायालयों में अटके हैं। इन तहसीलों में आवेदन तो हो गया है लेकिन सुनवाई की तारीख तय न होने से आवेदक भटक रहे हैं। आमजन हर बार तहसील कार्यालय इसी उम्मीद से पहुँचते हैं कि अब उनके प्रकरण की तारीख मिलेगी और उसका निराकरण होगा। महीनों बीतने के बाद भी लेकिन प्रकरण जहाँ के तहाँ रहता है। साहबों को प्रकरण देखने की फुरसत ही नहीं है। अब लेकिन ऐसा नहीं होगा। तहसील के साथ ही सभी राजस्व न्यायालयों के लिये नया सिस्टम लागू हो गया है।अगर साहब एक महीने तक सुनवाई की तारीख नहीं देंगे तो सिस्टम खुद ही तारीख जनरेट कर देगा और इसकी जानकारी एसएमएस से आवेदक तक पहुँच जायेगी।
अब 3 दिन होगी सुनवाई - राजस्व न्यायालयों में आरसीएमएस पोर्टल में सभी प्रकरणों को दर्ज कराने के निर्देश सभी संभागायुक्त और कलेक्टर को दिये गये हैं। इसके साथ यह भी आदेश हुए हैं कि प्रकरणों की सुनवाई अब सप्ताह में 3 दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को की जाये ताकि कहीं पेंडेंसी न बढ़े और जनता को ज्यादा से ज्यादा राहत मिल सके।
अब ऐसे होगा काम
राजस्व न्यायालय से जमीन के मामले हों या फिर अन्य प्रकरण इसके लिये अगर आवेदन होता है तो उसे आरसीएमएस (रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम) में दर्ज करना होगा। इस प्रकरण में 30 दिन तक अगर तहसीलदार या अन्य अधिकारी सुनवाई की तारीख नहीं देते हैं तो सिस्टम से ही तारीख तय हो जायेगी और उस तारीख में प्रकरण में सुनवाई करके प्रकरण में क्या आदेश हुए उसकी जानकारी सिस्टम में अपडेट करनी होगी। इस िसस्टम से जो लंबित प्रकरण हैं उनकी संख्या कम होगी। अगर कोई अधिकारी इसमें भी लापरवाही बरतता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
किस तहसील में कितनी पेंडेंसी
तहसील कार्यालयों में वर्तमान स्थिति में बहुत से प्रकरण पेंडेंसी में डले हैं। कई जगह तो एक से दो साल तो कई प्रकरण ऐसे हैं जो 5 साल से लंबित हैं। इनमें जबलपुर तहसील में 364 प्रकरण लंबित हैं, इसी तरह कुंडम में 184, पाटन में 249, पनागर में 773, मझौली 636, सिहोरा में 709, रांझी में 357, शहपुरा में 689, गोरखपुर में 1102 एवं अधारताल तहसील में 1004 से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं।
Created On :   11 Oct 2021 1:30 PM IST