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Jabalpur News: चार माह बाद फिर बना ग्रीन कॉरिडोर अंगदान से तीन को मिला नया जीवन

- सुपर स्पेशलिटी से मेडिकल वाहन में आर्गन्स लेकर डुमना जाते टीमों के सदस्य
- मेडिकल कॉलेज में फिर ऑर्गन डोनेशन
- सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर 31 वर्षीय युवक हो गया था ब्रेन डेड
Jabalpur News: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में 4 माह बाद गुरुवार को तीसरी बार अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना। सड़क दुर्घटना में घायल 31 वर्षीय सत्येंद्र यादव के ब्रेन डेड होने के बाद उनके अंग रिट्रीव कर जरूरतमंद मरीजों तक हवाई मार्ग से पहुंचाए गए। परिवार द्वारा अंगदान किए जाने के निर्णय के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और प्रशासन की टीमें सक्रिय हुईं।
नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) को सूचना देने के बाद उन मरीज़ों की लिस्ट देखी गई, जिन्हें अंगों की आवश्यकता थी। इसमें अहमदाबाद, भोपाल और जबलपुर के मरीजों के नाम शॉर्टलिस्ट हुए, जिसके बाद युवक के हार्ट, लिवर व एक किडनी को रिट्रीव किया गया। हार्ट को अहमदाबाद में 21 वर्षीय मरीज को, लिवर को भोपाल में 56 वर्षीय मरीज और किडनी मेडिकल कॉलेज में 46 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित की गई।
बाइक एक्सीडेंट से सिर में आई थीं चोटें
जानकारी के अनुसार 4 अगस्त की शाम को बाइक से जाते वक्त 31 वर्षीय सत्येंद्र यादव का सूपाताल के पास दूसरी बाइक से एक्सीडेंट हो गया था। गंभीर रूप से घायल सत्येंद्र को निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे मेडिकल रेफर किया गया। सिर में गंभीर चोट को देखते हुए 5 अगस्त को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया। उपचार के दौरान वह वेंटिलेटर पर था और सिर में गंभीर चोट के चलते ब्रेनडेड कंडीशन में पहुंच गया।
अंगदान जागरूकता के पोस्टर से मिली प्रेरणा
ग्रामीण परिवेश से आने वाले सत्येंद्र के पिता रोहिणी प्रसाद यादव को अंगदान के बारे में नहीं पता था। उन्हाेंने कहा कि मैंने कभी अंगदान के बारे में नहीं सुना था। अस्पताल के बाहर लगे पोस्टर को देखने के बाद इसकी जानकारी मिली, बाद में डॉक्टरों ने इसका महत्व बताया। परिवार के अन्य सदस्यों से बात की, जिसके बाद सभी ने निर्णय लिया। असमय बेटे के जाने का दुख है लेकिन इस बात की खुशी है कि उसके अंगों से 3 जरूरतमंद व्यक्तियों को जीवन मिलेगा।
तीन माह पहले ही हुई थी शादी
घंसौर के गांव बिछुआ निवासी मृतक सत्येंद्र यहां एक घरेलू गैस कंपनी में सिलेंडर वितरण का कार्य करता था। शारदा चौक के पास वह किराए के कमरे मंे रह रहा था। 3 माह पहले ही 30 अप्रैल को उसकी शादी सूबेवाड़ा मंडला की मीनाक्षी से हुई थी।
20 मिनट में डुमना पहुंचे ऑर्गन्स
सुपर स्पेशलिटी से 3.50 बजे हार्ट को अहमदाबाद ले जाने टीम डुमना रवाना हुई। इसी तरह 4.20 बजे लिवर को डुमना और वहां से भोपाल भेजा गया। ऑर्गन्स को डुमना पहुंचने मंे 20 मिनट का वक्त लगा। डीएसपी बैजनाथ प्रजापति और डीएसपी संगीता डामोर ने बताया कि 6 पुलिस थाने और तीन ट्रैफिक थाने के करीब 250 पुलिस कर्मचारियों ने ग्रीन कॉरिडोर का जिम्मा संभाला।
राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार
शाम करीब 5 बजे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अंगदाता स्व. सत्येंद्र को अंतिम विदाई दी और बिछुआ में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना, अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा, सुपर स्पेशलिटी डॉयरेक्टर डॉ. अवधेश प्रताप सिंह कुशवाहा, अधीक्षक सुपर स्पेशलिटी डॉ. जितेंद्र गुप्ता, डॉ. ऋचा शर्मा मौजूद रहे। सीएमएचओ डाॅ. संजय मिश्रा भी अस्पताल पहुंचे।
Created On :   8 Aug 2025 5:57 PM IST