नागपुर के 70 हजार विद्यार्थी अभी भी सेंट्रलाइज किचन से दूर

70 thousand students of nagpur are still away from centralized kitchen
नागपुर के 70 हजार विद्यार्थी अभी भी सेंट्रलाइज किचन से दूर
नागपुर के 70 हजार विद्यार्थी अभी भी सेंट्रलाइज किचन से दूर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता का मध्यान्ह भोजन मिले, इसलिए राज्य सरकार ने सेंट्रलाइज किचन की व्यवस्था शुरू की, लेकिन नागपुर शहर में अभी भी 70 हजार विद्यार्थी ऐसे है, जिन्हें स्कूल में ही पका हुआ भोजन दिया जा रहा है। सेंट्रलाइज किचन में लगभग 1000 वर्गफीट में किचन होने के अलावा शुद्ध पानी, अनाज व सब्जी धोने की विशेष व्यवस्था के अलावा सफाई पर विशेष जोर होता है, जबकि स्कूल में इतनी ज्यादा व्यवस्था नहीं होती।


सरकारी व अनुदानित स्कूलों में पढ़नेवाले पहलीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को सरकार की तरफ से शालेय पोषण आहार योजना के तहत मध्यान्ह भोजन (मीड डे मिल) दिया जाता है। स्कूलों के किचन में पर्याप्त जगह व सफाई का अभाव होने से कई बार विद्यार्थियों के खाने में कंकर, इल्ली व किड़े निकलने की शिकायतें मिलती रहती है। विद्यार्थियों को होनेवाली इस परेशानी से बचने के लिए सरकार ने सेंट्रलाइज किचन प्रणाली शुरू की। नागपुर शहर में शालेय पोषण आहार के डेढ़ लाख से ज्यादा लाभार्थी है। जिनमें से करीब 77 हजार विद्यार्थियों को ही सेंट्रलाइज किचन के तहत मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। इसमें मनपा की 153, जिप की 3 व 350 अनुदानित स्कूलें शामिल है। 

 
सेंट्रलाइज किचन की विशेषत

करीब 1000 वर्गफीट का किचन, सफाई की विशेष व्यवस्था, सब्जी व चावल धोने के लिए जगह-जगह नल होना व यह पानी सीधे नीचे से निकल जाना चाहिए। गर्मी को बाहर निकालने के लिए किचन में एक्जास्ट फैन होना जरूरी है। भोजन बनाने के लिए शुध्द पानी जरूरी है। जरूरी हो तो आरआे की व्यवस्था हो। सफाई के साथ ही समुचित प्रकाश व्यवस्था होनी चाहिए। 


शहर में 11 सेंट्रलाइज किचन 

शहर में सुसंस्कार बहुउद्देशीय शिक्षण संस्था, प्रियदर्शिनी सेवा सहकारी संस्था, नागपुर महिला मंडल, दीप ज्योति महिला बचत गट, मां वैष्णवी महिला बचत गट समेत 11 सेंट्रलाइज किचन है और यहां से हर दिन 77 हजार विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन मिल रहा है। 


मुख्याध्यापक के खाते में जाता है सरकारी अनुदान 

जिन स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बन रहा है, वहां सरकार की तरफ से अनुदान की राशि सीधे मुख्याध्यापक के बैंक खाते में जमा होती है। इसके अलावा सरकार चावल की आपूर्ति अलग से करती है। अनुदान राशि सीधे खाते में आने से ही स्कूल भोजन बनाने का मोह नहीं छोड़ पाने की चर्चा है। 


हमारा जोर सेंट्रलाइज किचन पर 

सेंट्रलाइज किचन के माध्यम से विद्यार्थियों को अच्छा व पौष्टिक भोजन मिलता है। शहर में करीब 77 हजार विद्यार्थियों को सेंट्रलाइज किचन के माध्यम से भोजन दिया जा रहा है। 70 हजार विद्यार्थियों को स्कूल में पका भोजन मिल रहा है। स्कूल में भोजन पकाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती। साथ ही सफाई की समस्या रहती है। सेंट्रलाइज किचन के दायरे में और विद्यार्थी लाए जाएंगे। स्कूलों की तरफ से सेंट्रलाइज किचन के संबंध में अच्छा फीड बैक मिल रहा है। स्कूलों में जाकर किचन व्यवस्था का निरीक्षण किया जा रहा है। विद्यार्थियों के हित में पौष्टिक भोजन, सफाई व शुध्द पानी पर हमारा जोर है। -गौतम गेडाम, अधीक्षक, शालेय पोषण आहार जिला परिषद नागपुर.

Created On :   27 July 2019 6:22 AM GMT

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