Nagpur News: मनपा बैंक में पेंशनधारियों पर बड़ा संकट, 129 परिवारों पर सीधा असर

मनपा बैंक में पेंशनधारियों पर बड़ा संकट, 129 परिवारों पर सीधा असर
  • आरबीआई की आपत्ति
  • अलग से प्रावधान नहीं करने को लेकर उठाए थे सवाल

Nagpur News विवादों में रहने वाला नागपुर महानगरपालिका कर्मचारी सहकारी बैंक अब नये संकट में घिर गया। बैंक में अलग-अलग समय पर हुए घोटाले और फर्जीवाड़े का भुगतान पेंशनधारकों को अब पेंशन गंवाकर करना पड़ रहा है। मंगलवार 1 जुलाई 2025 से बैंक के 129 पेंशनधारकों की पेंशन, बैंक के संचालक मंडल द्वारा बंद करने का निर्णय लया गया है।

ढकेल रहे जिम्मेदारी : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा आपत्ति जताने के बाद संचालक मंडल ने इसका समाधान निकालने की बजाए सीधे पेंशन ही बंद करने का निर्णय लिया है। पेंशन बंद करने के निर्णय से 129 परिवारों पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा। ज्यादातर पेंशन धारकों का परिवार और खुद पेंशनधारी इसी पेंशन पर निर्भर होने से उनके सामने जीवन-मरण का प्रश्न निर्माण हो रहा है। हालांकि बैंक का संचालक मंडल और प्रशासन अब एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढकेल रहा है। संचालक मंडल का कहना है कि बैंक अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना था। वहीं, प्रशासन का कहना है कि संचालक मंडल की गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

लेखा-परीक्षण में आपत्ति : नागपुर महानगरपालिका कर्मचारी सहकारी बैंक ने जून महीने सभी 129 पेंशनधारकों को जारी पत्र में कहा गया कि आरबीआई ने पेंशन निधि को लेकर लेखा-परीक्षण में आपत्ति दर्ज की है। संचालक मंडल की बैठक में तय किया गया कि आरबीआई के निर्देशानुसार पेंशन बाबत प्रावधान मौजूदा परिस्थिति में तत्काल करना असंभव है। जिसके बाद 13 मई और 12 जून को सभा में 1 जुलाई से पेंशन बंद करने का निर्णय लिया गया।

संचालक मंडल ने हाथ झटके : आरबीआई की रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपत्ति जताई। पहला बैंक पिछले अनेक वर्षों से पेंशन का अलग से प्रावधान नहीं दिखा रहा है। इसके लिए आरबीआई ने बैंक से 58 करोड़ रुपए का अलग से प्रावधान दिखाने को कहा, किन्तु संचालक मंडल ने 58 करोड़ रुपए का प्रावधान दिखाने में असमर्थता जताई। उसका कहना है कि उसके पास इतना पैसा नहीं है कि 58 करोड़ रुपए अलग से दिखाए। आरबीआई ने अलग से प्लान भी मांगा। बैंक ये दिखाने में भी असमर्थ रहा, जिसके बाद संचालक मंडल ने बैंक को बचाने के लिए सीधे पेंशन को ही बंद करने का निर्णय लिया।

रिश्तेदारों की नियुक्ति पर भी सवाल : आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बैंक में संचालक मंडल द्वारा अपने-अपने रिश्तेदारों की कि गई नियुक्ति पर भी सवाल उठाए। 18 पूर्व संचालकों ने अपने-अपने रिश्तेदारों को बैंक में विविध पदों पर नियुक्त किया। एक पूर्व अध्यक्ष की बहू इस मामले में जांच अधिकारी भी है और उसे बैंक का एक बड़े पद का प्रभार भी सौंपने की जानकारी है।

घोटालों की लंबी सूची : बैंक का संचालक मंडल कभी कर्ज बांटने को लेकर तो कभी फर्जी नियुक्ति को लेकर विवादों में रहा। एक सीईओ को हाल में सस्पेंड किया गया। इस सीईओ की नियुक्ति भी विवादों में रही। यह सीईओ अमरावती के जीजा माता बैंक में रिकवरी एजेंट था। पिछले 15-20 साल से संचालक मंडल पर सत्ताधारी पार्टी के समर्थन पैनल का कब्जा रहा है। ऐसे में जो कुछ भी हुआ है, वह इनके कार्यकाल में हुआ। इनके ध्यान नहीं देने से पेंशनधारकों का अपना जीवन दांव पर लगाना पड़ा है।

Created On :   1 July 2025 11:51 AM IST

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