Nagpur News: 40 फीसदी महंगी होंगी गणेश मूर्तियां, गणेशोत्सव को राज्योत्सव का दर्जा, भक्तों में जोश

40 फीसदी महंगी होंगी गणेश मूर्तियां, गणेशोत्सव को राज्योत्सव का दर्जा, भक्तों में जोश
  • कच्ची सामग्रियों के बढ़े दाम
  • गणेशोत्सव को राज्योत्सव का दर्जा, भक्तों में दोगुना जोश

Nagpur News. राज्य भर में 27 अगस्त से गणेशोत्सव शुरू होगा। सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलार ने गणेशोत्सव को राज्योत्सव का दर्जा दिया है। इस कारण गणेशभक्तों में दोगुना जोश देखा जा रहा है। वहीं पीओपी मूर्तियों को बाहर से मंगाने व खरीदी-बिक्री पर लगा प्रतिबंध हट चुका है। लेकिन अब इससे भक्तों को फर्क नहीं पड़ता। भक्तों को अब पीओपी की नहीं, मिट्टी की मूर्तियां चाहिए। प्रदूषण और जलस्रोतों को बचाने के साथ पीओपी मूर्तियों की विसर्जन के बाद होनेवाली अवमानना के चलते अब श्रद्धालु मिट्टी की मूर्तियों के लिए माटी कलाकाराें के यहां पहुंच रहे हैं। साल दर साल विविध सामग्रियों के दाम बढ़ने से मूर्तियों की कीमतें 40 फीसदी तक बढ़ी है। मूर्तिकारों के अनुसार, इस बार सामग्रियों को दाम काफी बढ़ चुके हैं। इसलिए मूर्तियों के दाम 40 फीसदी तक महंगे होंगे। कच्ची सामग्री, मजदूरी, जमीन का किराया, ट्रांसपोर्टिंग समेत रंगों के दाम बढ़ चुके हैं। 40 किलो यानी एक मन लकड़ी 700 रुपए में मिल जाती थी, जो अब 900 रुपए तक पहुंच चुकी है। किराया भाड़ा 500 रुपए हो चुका है। मिट्टी का दाम 8000 से 10 हजार रुपए ट्रैक्टर हुुआ है। मूर्तियां निर्माण के लिए किराए पर ली जाने वाली जमीन के बदले एक से डेढ़ लाख रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। 450 रुपए की मजदूरी 750 रुपए तक पहुंच चुकी है। तनस, तार, कीलें, रंगों में वॉटर, ऑयल, थिनर, टर्पेटाइन बेस रंगों व कोपल वार्निश, ह्वाइटिंग, डिस्टेम्पर, पेंटिंग के ब्रश, फॉइल पेपर आदि का उपयोग होता है। सभी सामग्री के दाम औसत 30 से 40 फीसदी तक बढ़े हैं। दिन-रात बिजली का उपयोग होता है। बिजली पर चलने वाले एयर कम्प्रेसर का उपयोग किया जाता है। इन सभी कारणों को देखते हुए मूर्तियों के दाम 40 फीसदी तक बढ़ेंगे।

गुमराह कर थमाते हैं पीओपी की मूर्तियां

शहर में जहां-तहां पीओपी की मूर्तियों की दुकानें लग चुकी हैं। उन पर चमकदार आर्टिफिशियल ज्वेलरी व कपड़े चढ़ाए गए हैं। लेकिन इस साल पीओपी मूर्तियों के प्रति रुझान कम नजर आ रहा है। ग्रीन विजिल फाउंडेशन के संस्थापक व पर्यावरण मित्र कौस्तव चटर्जी ने बताया कि कुछ दुकानदार ग्राहकों को गुमराह कर पीओपी की मूर्तियों को मिट्टी, साडू मिट्टी और मिक्स मिट्टी बताकर बेचते हैं। उनके प्रति भी लोगों का विश्वास उठ चुका है। अब ग्राहकों को पीओपी मूर्तियों से पर्यावरण को होनेवाले नुकसान की समझ हो चुकी है। गुमराह कर पीओपी की मूर्ति, मिट्टी की बताकर बेची जा रही है। इसकी असलियत विसर्जन के समय में सामने आती है, जब मूर्ति विसर्जित नहीं हो पाती। तब श्रद्धालु दुखी होते हैं। जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इसे सभी वर्गो के गणेशभक्त गंभीरता से ले रहे हैं।

Created On :   17 Aug 2025 6:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story