हाथीपांव से पीडि़त युवक मुंबई से पैदल चलकर 10 दिन में एमपी की सीमा तक पहुंचा सतना का युवक  

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 हाथीपांव से पीडि़त युवक मुंबई से पैदल चलकर 10 दिन में एमपी की सीमा तक पहुंचा सतना का युवक  

डिजिटल डेस्क सतना।  लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे लोग कितना भी दर्द सहने के बाद भी अपने घर लौटना चाहते हैं। हाथीपांव बीमारी से ग्रसित यहां के युवक की भी ऐसी ही व्यथा-कथा है। भारी पैर के बावजूद ये युवक मुंबई से पैदल चलकर 10 दिन बाद सोमवार को सेंधवा के पास बिजासन घाट स्थित मध्य प्रदेश की सीमा   तक पहुंचने में कामयाब रहा। भास्कर ब्यूरो के मुताबिक  जिले के बरौंधा गांव का रहने वाला रामलखन (24) पिता फत्तु  ने बताया कि उसे 12 साल से हाथी पैर की बीमारी है। महाराष्ट्र के पनवेल में पेंटिंग का काम करता था। लॉकडाउन में खान- पीने की समस्या हुई तो उसके साथी भी उसे छोड़कर पैदल घर  के लिए निकल गए। भोजन नहीं मिलने पर वो भी 10 दिन पहले पैदल निकल पड़ा। रामलखन का कहना है 10 से 12 किमी पैदल चलने के बाद भारी पैर में असहनीय दर्द होता है। इसके बावजूद वो दर्द सहन कर चल रहा है। बिजासन पहुंचने पर वहां मेधा पाटकर ने उससे बातचीत की तो उसने कहा भूखे रहकर मरने से अच्छा जैसे तैसे घर पहुंच जाऊं। रामलखन को बिजासन मंदिर में रुकवाकर उसे भोजन कराया गया। पाटकर ने प्रशासनिक अफसरों से उसे वाहन के माध्यम से  घर पहुंचाने की मांग की है।
 

Created On :   28 April 2020 1:23 PM GMT

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