हादसा टला - ठंठ का असर , सतना-मानिकपुर के बीच ट्रेन की डाउन ट्रैक में मिला फ्रैक्चर 

Accident averted - impact of stump, fracture found in the down track of the train between Satna-Manikpur
हादसा टला - ठंठ का असर , सतना-मानिकपुर के बीच ट्रेन की डाउन ट्रैक में मिला फ्रैक्चर 
हादसा टला - ठंठ का असर , सतना-मानिकपुर के बीच ट्रेन की डाउन ट्रैक में मिला फ्रैक्चर 

डिजिटल डेस्क सतना। सीजन में ठंडी बढऩे के साथ ही रेलवे की पटरियों के चटखने या फिर उनमें दरारें आने के खतरे बढ़ जाते हैं। मानिकपुर -सतना रेल खंड के मारकुंडी और बारामाफी के बीच बीती रात रेलवे की नाइट पेट्रोलिंग टीम की सक्रियता के चलते एक बड़ा हादसा बाल-बाल टल गया। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रात लगभग एक बजे के करीब ट्रैक की पेट्रोलिंग कर रही पार्टी ने देखा कि मारकुंडी और बारामाफी स्टेशन के बीच डाउन ट्रैक पर फ्रैक्चर है। फौरन इस खतरनाक गतिरोध की खबर मारकुंडी के स्टेशन मास्टर को दी गई। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद ट्रैक अस्थाई तौर पर संधारण किया गया। जिस समय ये गतिरोध पकड़ में आया उस समय मारकुंडी और टिकरिया रेलवे स्टेशन में प्रस्थान के लिए 2 मालगाडिय़ां खड़ी हुई थीं। 
 बदली गई 12 मीटर पटरी 
बताया गया है कि रविवार को ट्रै
क के फ्रैक्चर को स्थाई तौर पर खत्म करने के लिए लगभग 12 मीटर डाउन की पटरी को बदला गया। उल्लेखनीय है, शीतकालीन सीजन में ठंडी बढऩे के साथ ही रेलवे की पटरियों के चटखने या फिर उनमें दरारें आने के खतरे बढ़ जाते हैं। इन्हीं खतरों को टालने के लिए हर दिन रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक रेल प्रशासन पेट्रोलिंग पार्टियों से ट्रैक की मानीटरिंग कराता है।     
 नाइट पेट्रोलिंग में टाइगर का डर 
 एक तरफ जहां सर्दी के  मौजूदा सीजन में रेल की पटरियों की नाइट पेट्रोलिंग अनिवार्य है,वहीं दूसरी तरफ चितरहा से मानिकपुर के बीच पेट्रोलिंग में लगी पार्टियों को हर वक्त टाइगर के हमले का डर सताता रहता है। रेल खंड क्षेत्र में प्राय: 3 टाइगर और एक टाइग्रेस के मूवमेंट ने रेल प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है। रेल अधिकारियों ने पेट्रोलिंग पार्टियों को आपात स्थिति में जरुरत पडऩे पर साथ में मशाल ले कर चलने की भी सलाह दी है। 
वन अमले के पास हैं हाई पावर टार्च 
रेलवे की पेट्रोलिंग पार्टी को जहां मशाल के साथ चल चलने की सलाह दी गई है,वहीं इसी क्षेत्र में शिकारियों पर नजर रखने के लिए तैनात वन विभाग के गश्ती दस्ते को हाई पावर की टार्च उपलब्ध कराई गई हैं। 4 सदस्यीय एक गश्ती दस्ता सारी रात 4 किलोमीटर तक पैदल मार्च करता है।  जानकारों का मानना है कि रेलवे के पेट्रोलिंग दस्तों को भी वन अमले की तरह हाईपावर टार्च जैसे अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। 
 9 फिट ऊंची सुरक्षा जालियों का प्रस्ताव 
 रेल लाइन के किनारे बाघ-बाघिन और अन्य वन्य प्राणियों के बढ़ते मूवमेंट से चिंतित यहां के वन मंडला अधिकारी राजीव मिश्रा ने शासन को चितहरा से मध्यप्रदेश की सीमा तक मानिकपुर की ओर रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 9 फिट ऊंची  लोहे की जालियों से बनी सुरक्षात्मक दीवार बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा है। लगभग ढाई करोड़ की लागत के इस प्रस्ताव के तहत वन्य प्राणियों के ट्रैक में आकर मरने की घटनाओं को रोका जा सकता है। उल्लेखनीय है, 2 साल पहले चितहरा स्टेशन के पास ट्रेन से टकराने से एक टाइगर की मौत हो गई थी।  
  निजामुद्दीन की ओर से महाकौशल सुपर फास्ट रद्द 
 उत्तर भारत में कोहरे के कहर के कारण निजामुद्दीन से चलकर जबलपुर की ओर जाने वाली महाकौशल सुपर फास्ट को रद्द कर दिया गया है। ये यात्री गाड़ी 30 दिसंबर को यहां नहीं आएगी। कोहरे के कारण अन्य यात्री गाडिय़ां भी लेट लतीफी की शिकार हैं। यात्रियों की असुविधा पर रेल प्रशासन ने खेद जताया है। 
 

Created On :   30 Dec 2019 9:24 AM GMT

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