अंधारे ने कहा- देश में वर्ष-2024 के बाद शुरू होगी तानाशाही, बहुजन समता पर्व में रखे विचार 

Andhare said- Dictatorship will start in the country after the year-2024
अंधारे ने कहा- देश में वर्ष-2024 के बाद शुरू होगी तानाशाही, बहुजन समता पर्व में रखे विचार 
चंद्रपुर अंधारे ने कहा- देश में वर्ष-2024 के बाद शुरू होगी तानाशाही, बहुजन समता पर्व में रखे विचार 

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर. संविधान ने सभी को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार दिया है। लेकिन देश की वर्तमान स्थिति में अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है क्या? यह सबसे बड़ा सवाल है। क्योंकि व्यवस्था पर आवाज उठानेवालों की आवाज बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो शायद वर्ष 2024 का चुनाव आखरी होगा और देश में तानाशाही शुरू होगी। इसलिए सभी को एकजुट होकर आवाज बुलंद करना चाहिए। निर्णय जनता को लेना है, यह बात शिवसेना ठाकरे गुट की नेता व प्रसिद्ध वक्ता सुषमा अंधारे ने कही।  

न्यू इंग्लिश ग्राउंंड पर चल रहे बहुजन समता पर्व के दूसरे दिन बुधवार रात को मार्गदर्शक के रूप में वे बोल रहीं थीं। उन्होंने आगे कहा कि, फुले, शाहू, आंबेडकरी विचारों से आगे आयी हूं। उनके विचारों को ही मैं अभिव्यक्त करती हूं किंतु उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को मेरे विचारों से आपत्ति क्यों होती हैं। यदि मेरे विचारों से आपत्ति है तो जिन महापुरुषों के साहित्य, किताबों से विचार मैंने आत्मसात किए हैं उन साहित्य, किताबों को फड़णवीस जलाएंगे क्या? ऐसा सवाल फड़णवीस से पूछा। उन्होंने कहा कि, कोई अलग-अलग माध्यमों से अभिव्यक्त होता है तो सरकार को गुस्सा क्यों आता है। 

माध्यमों के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि, इसने ऐसा कहा, उसने वैसा कहा, उस पर नेताओं की प्रतिक्रिया लेना बस इतना ही चल रहा है। जनता के मुद्दों पर अनदेखी हो रही है। सही सवाल उठानेवाले पत्रकारों की आवाज दबाई जा रही है। चौथें स्तंभ के साथ नागरिकों को रहना चाहिए। पत्रकारों ने अदानी के 20 हजार करोड़ रुपए कहां से आए? यह पूछना चाहिए न कि मंदिर, मस्जिद। 

अगर गरीब कर्जा चुका नहीं पाया तो उस पर कार्रवाई होती है, अमीरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, नई शैक्षणिक नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री वन टैक्स, वन नेशन, वन इलेक्शन का नारा दे रहे हैं, उसमें प्रधानमंत्री ने वन एजुुकेशन को भी जोड़ना चाहिए। अंधारे ने कहा कि, चाहे कुछ भी हो मैं अभिव्यक्त होती रहूंगी। आखिर में उन्होंने कहा कि, मेरे बोलने से किसी को दु:ख हुआ है तो मैं माफी नहीं मांगूगी क्योंकि प्रत्येक शब्द सोच समझकर बोला है। बोले हुए शब्द बदलने के लिए मैं चंद्रकांत पाटील नहीं हूं, ऐसी टिप्पणी भी उन्होंने की। इस समय शिवचरित्र अभ्यासक शेख सुभान अली ने भी मार्गदर्शन किया। 

 

Created On :   14 April 2023 10:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story