सहायक आयुक्त के ट्रांसफर पर स्टे न मानने वाले अनूपपुर  कलेक्टर हाईकोर्ट में आएं और सजा के मुद्दे पर अपना पक्ष रखें

Anuppur Collector, who did not accept stay on transfer of Assistant Commissioner, come to the High Court
सहायक आयुक्त के ट्रांसफर पर स्टे न मानने वाले अनूपपुर  कलेक्टर हाईकोर्ट में आएं और सजा के मुद्दे पर अपना पक्ष रखें
सहायक आयुक्त के ट्रांसफर पर स्टे न मानने वाले अनूपपुर  कलेक्टर हाईकोर्ट में आएं और सजा के मुद्दे पर अपना पक्ष रखें

स्टे के बाद नोटशीट जारी करने और फिर सहायक आयुक्त का दफ्तर सील करने को कोर्ट ने गंभीरता से लिया
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
एक सहायक आयुक्त के तबादले पर लगाई गई रोक को न मानने वाले अनूपपुर कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर को हाईकोर्ट ने तलब किया है। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने एक अवमानना मामले पर कलेक्टर को कहा है कि इस अवमानना के लिए दी जाने वाली सजा पर वे आकर अपना पक्ष रखें। मामले की अगली सुनवाई लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद तब होगी, जब अदालतों में कामकाज नियमित रूप से शुरु हो जाएगा।
अदालत ने ये निर्देश अनूपपुर के आदिवासी कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त पीएन चतुर्वेदी की अवमानना याचिका पर दिए। आवेदक का कहना है कि 24 अगस्त 2019 को उनका तबादला अनूपपुर से ग्वालियर किया गया था। इस आदेश पर हाईकोर्ट ने 30 अगस्त 2019 को रोक लगा दी थी। इस अंतरिम आदेश की प्रति 3 सितंबर 2019 को कलेक्टर को दे दी गई थी। 5 सितंबर को कलेक्टर ने एक नोटशीट जारी करके कहा कि सहायक आयुक्त के पद का चार्ज डीएस रावत को दे दिया गया है। साथ ही याचिकाकर्ता को सलाह दी गई कि वो ग्वालियर में जाकर ज्वाईन करें। कलेक्टर के इस रवैये को अवमानना की श्रेणी में बताते हुए यह अवमानना याचिका दायर की गई थी। मामले पर विगत 13 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर स्वयं हाजिर हुए थे। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनोज शर्मा व अमरदीप गुप्ता की दलील थी कि हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर में स्पष्ट था कि यदि उनके मुवक्किल रिलीव भी हो चुके हों, फिर भी उन्हें अनूपपुर में भी काम करने दिया जाए। इतना ही नहीं, जब याचिकाकर्ता ने 20 दिसंबर 2019 को अपना प्रभार संभाला, तो 22 दिसंबर को उनका कार्यालय सील कर दिया गया। मामले की शिकायत संभागायुक्त से की गई, तो उन्होंने भी कलेक्टर को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की सलाह दी। बावजूद इसके कलेक्टर ने विवेक पाण्डेय को सहायक आयुक्त का प्रभार सौंप दिया। 13 मार्च को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को सुनाए फैसले में अदालत ने कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर के रवैये को गंभीरता से लेते हुए उन्हें  सजा के मुद्दे पर पक्ष रखने के लिए कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए।
 

Created On :   15 May 2020 8:52 AM GMT

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