मानव तस्कर गैंग के दो सदस्यों की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज

Bail application of two members of human smuggler gang dismissed from High Court
मानव तस्कर गैंग के दो सदस्यों की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज
मानव तस्कर गैंग के दो सदस्यों की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज


डिजिटल डेेस्क जबलपुर। हाईकोर्ट ने उन दो युवकों की जमानत अर्जियां खारिज कर दी हैं, जिन पर मानव तस्करी गैंग के सदस्य होने का आरोप है। यह गैंग युवती के साथ दुराचार करके उनका वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थी फिर उन्हें ले जाकर राजस्थान में बेचती थी। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने मामले में लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए दोनों आरोपियों को जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया। ये अर्जियां जबलपुर के घमापुर में रहने वाले शैंकी रैकवार और राजस्थान के कोटा में रहने वाले प्रमोद अग्रवाल की ओर से दायर की गईं थीं। अभियोजन के अनुसार 2 अप्रैल 2019 को निखिल नामक युवक ने पीडित युवती का अपहरण करके कंचरपुर स्थित मकान में दुराचार किया और उसका वीडियो भी बना लिया। 5 अप्रैल 2019 को निखिल और गैंग की सरगना सुनीता यादव युवती को लेकर ट्रेन से राजस्थान के गंगापुर शहर ले गए। वहां पर नंदकिशोर और प्रमोद से मुलाकात के बाद युवती को चार दिनों तक एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया। फिर कोटा ले जाकर युवती को सवा दो लाख रुपए में गोलू उर्फ राजेन्द्र विजयवर्गीय को बेच दिया। गोलू ने जबरदस्ती युवती से शादी करके उसके साथ दुराचार किया। पीडित युवती ने किसी तरह अपनी दादी को फोन पर सारा घटनाक्रम बताया, तब जाकर अधारताल थाने में शिकायत दर्ज हुई।
जबलपुर पुलिस ने पीडि़त युवती को गोलू उर्फ राजेन्द्र विजयवर्गीय के कब्जे से बरामद किया था। इस मामले में शैंकी रैकवार और प्रमोद अग्रवाल 22 मई 2019 और 26 मई 2019 को मानव तस्करी गिरोह की सरगना सुनीता यादव भी गिरफ्तार हुई। सुनीता ने करीब डेढ़ दर्जन युवतियों को राजस्थान में बेचने की बात स्वीकार की थी। इस मामले में जमानत का लाभ पाने शैंकी और प्रमोद की ओर से ये अर्जियां दायर की थीं, जो सुनवाई के बाद अदालत ने खारिज कर दीं। 8 प्राचार्यों की दो वेतनवृद्धियां रोकने पर स्टे जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने जबलपुर जिले में पदस्थ 8 प्राचार्यों की सजा बतौर दो वेतन वृद्धियां रोकने संबंधी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। मामले पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने यह व्यवस्था दी। त्रयंबक गणेश खरे, मुकेश कुमार तिवारी, राजीव नंदा, टहर सिंह मार्को, रत्नेश कुमार शर्मा, संजय टैगोर, अखिलेश कुमार सिन्हा और घसीटेराम झारिया की ओर से दायर इस याचिका में 10 फरवरी को इन्क्रीमेंट रोकने के संबंध में जारी आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुधा गौतम ने पक्ष रखा।

Created On :   21 Jun 2020 4:43 PM GMT

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