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सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर पाबंदी लगाने वाले सर्कुलर पर रोक
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट पेश होने तक सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर पाबंदी लगाने वाले वर्ष 2013 और 2017 में जारी सर्कुलर पर रोक लगा दी है। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को नियत की है।
शाजापुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. स्मिता सुरेन्द्रन और मंडला के डॉ. राकेश कुमार की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2013 और 2017 में सर्कुलर जारी कर सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया कि कोरोना काल में चिकित्सकों की कमी पड़ रही है। ऐसे में सरकारी डॉक्टर ड्यूटी आवर्स के बाद अपने ज्ञान का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने ग्वालियर क्षेत्र के सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस से छूट प्रदान की है, प्रदेश के बाकी हिस्सों में सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाई गई है। सरकारी डॉक्टरों को भी ड्यूटी आवर्स के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस की छूट दी जानी चाहिए। श्री संघी ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस रोकने के मामले में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया, लेकिन अभी तक कमेटी की रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। इससे सरकारी डॉक्टरों को ड्यूटी आवर्स के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस की छूट नहीं मिल पा रही है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने कमेटी की रिपोर्ट पेश होने तक सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर पाबंदी लगाने के दोनों सर्कुलर पर रोक लगा दी है।
Created On :   28 July 2021 9:58 PM IST