तीन साल से क्लेम पाने चक्कर लगा रहे पर नहीं मिला आज तक

Been circling to get claim for three years but not found till date
तीन साल से क्लेम पाने चक्कर लगा रहे पर नहीं मिला आज तक
तीन साल से क्लेम पाने चक्कर लगा रहे पर नहीं मिला आज तक

डिजिटल डेस्क जबलपुर। आम आदमी इस उम्मीद के साथ बीमा कराता है कि उसे समय पर बीमा क्लेम मिल सके। बीमा कंपनियाँ पॉलिसी लेते वक्त भरोसा भी देती हैं कि हम 24 घंटे व सातों दिन आपके सहयोग के लिए खड़े हैं पर जमीनी हकीकत में देखा जाए तो बीमा कंपनियाँ आवश्यकता पडऩे पर पूरी तरह अपने दावे व वादे से मुकर जाती हैं। ये आरोप पॉलिसी धारकों द्वारा लगाए जा रहे हैं। पॉलिसी धारकों के बिलों को अस्पताल में कैशलेस नहीं किया जाता है और जब बिल सबमिट किए जाते हैं तो बुरी तरह बेईज्जत किया जाता है। अनेक प्रकार की क्वेरी माँगी जाती हैं, वे भी जमा कर दी जाती हैं तो उसके बाद नो क्लेम या फिर ऊँट के मुँह में जीरा के बराबर क्लेम स्वीकृत करने की रस्म अदायगी की जाती है। क्लेम में कटौती के बारे में पॉलिसी धारक पूछता है तो अनेक प्रकार से गुमराह कर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ (मोनो लगाएँ टेलीफोन का)-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
केस.1
कटौती कर दो हजार का चैक दिया स्टार ने वह भी हो गया टाइम वार -
हनुमानताल निवासी श्रीमती सम्मति जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ से पॉलिसी ले रखी है। स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल में बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल सबमिट किए थे। बिल सबमिट करने के बाद बाकायदा बीमा कंपनी ने क्वेरी की और जल्द क्लेम भुगतान का वादा किया था। बीमा कंपनी ने बिलों में कटौती करते हुए मात्र दो हजार रुपए का चैक दिया और जब पॉलिसी धारक ने कटौती के बारे में जानकारी चाही तो महीनों बाद तक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई और इस बीच बीमा कंपनी द्वारा दिया गया चैक टाइम वार हो गया और उसके बाद बीमा कंपनी ने दूसरा चैक आज तक नहीं दिया। पीडि़ता का आरोप है कि बीमा कंपनी द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
केस.2
कोरोना कवच पॉलिसी मैक्स बुपा से ली पर क्लेम नहीं दे रही बीमा कंपनी
ग्वारीघाट पीपी कॉलोनी निवासी अंकलेश पटैल ने बताया कि मैक्स बुपा कंपनी से कोरोना कवच पॉलिसी पत्नी शिवानी पटैल के नाम पर ली थी। बीमा कंपनी ने वादा किया था कि पॉजिटिव होने पर ढाई लाख रुपए का क्लेम मिलेगा। 18 मई 2021 में पत्नी शिवानी को कोरोना संक्रमण का शिकार होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल में बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया और अस्पताल का 1 लाख से अधिक का बिल पूरा अपने पास से भुगतान करना पड़ा था। अस्पताल के सारे बिल क्लेम के लिए बीमा कंपनी में लगाए गए थे। बीमा कंपनी ने अनेक क्वेरी की और उसके बाद बिलों की डिमांड की जाने लगी। उन्होंने सारे हस्ताक्षर युक्त बिल दिए उसके बाद भी बीमा कंपनी उन बिलों को मानने तैयार नहीं है। पॉलिसी धारक का कहना है कि बीमा कंपनी हमें जानबूझकर परेशान कर रही है।
पॉलिसी धारक दोबारा आवेदन दें तो हम उनके बैंक अकाउंट में सीधे पैसा ट्रांसफर करवा देंगे और क्लेम में क्यों कटौती हुई उसका परीक्षण कराने के बाद बिल का भुगतान कराने का प्रयास किया जाएगा।
-धीरज कुमार, स्टार हेल्थ
बचते रहे जवाब देने से
मैक्स बुपा के पॉलिसी धारक को कोरोना कवच का क्लेम क्यों नहीं दिया जा रहा है, जब इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क किया गया तो जवाब देने से वे बचते रहे और पीआर एजेंसी से बात किए जाने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया।

 

Created On :   28 Jun 2021 5:03 PM GMT

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