ब्रांडेड सेल का दावा, लेकिन बेच रहे घटिया क्वॉलिटी के कपड़े

Branded sale claim, but selling poor quality clothes
ब्रांडेड सेल का दावा, लेकिन बेच रहे घटिया क्वॉलिटी के कपड़े
मालवीय चौक स्थित पारस पैलेस बारात घर में गत ढाई महीने से लगी रेडीमेड ब्रांडेड सेल का कारनामा ब्रांडेड सेल का दावा, लेकिन बेच रहे घटिया क्वॉलिटी के कपड़े

 खदीददारों को बना रहे बेवकूफ बिल के नाम पर थमा रहे सिर्फ कोरा कागज

डिजिटल डेस्क जबलपुर । ब्रांडेड कपड़ों के नाम पर प्रवेश द्वार में लगाए गए बड़े-बड़े आकर्षक बैनर, जिसमें मौजूद मॉडल्स द्वारा पहने गए बेहद ही खूबसूरत कपड़े। इस पर दावा ये कि कपड़े.... ब्रांडेड हैं, जो सेल में चार गुने से भी कम कीमत पर उपलब्ध हैं। इसे देखकर कोई भी अपने आप को भीतर जाने से रोक न पाए लेकिन जब अंदर पहुँचो तो हकीकत एकदम उलट। ब्रांडेड के नाम पर घटिया क्वॉलिटी के अनब्रांडेड कपड़े, जिन्हें बेचकर लोगों को बेवकूफ बनाते हुए ठगी की जा रही है। ये कारनामा मालवीय चौक स्थित पारस पैलेस बारात घर में गत ढाई महीने से लगाई जा रही श्री बालाजी रेडीमेड ब्रांडेड सेल का है।   हॉल के भीतर प्रवेश करते ही अजीब सी गंध मौजूदा कपड़ों से आती है। बड़ी-बड़ी टेबलों पर लेडिज वेयर मेें टॉप, प्लाजो, छोटे बच्चों के कपड़े, सलवार-कुर्तियाँ, अंडर गारमेंट्स, टॉवल आदि के ढेर लगे हैं। इनकी कीमत 100, 150, 300 है,  जिनमें से कइयों  में दाग, धब्बे लगे हैं और कुछ फटे हुए  हैं। इन्हीं कपड़ों के ढेरों में से यहाँ पहुँचने वाले ग्राहकों को अपनी पसंद के कपड़े च्वॉइस करने कहा जाता है। ग्राहक ढेर से पसंदीदा कपड़े उठाते हैं। जो ब्रांड की चाहत में यहाँ पहुँचते हैं, वे तो उल्टे पैर वापस आ जाते हैं और जो सेल देखने के नाम पर पहुँचते, वे यहाँ मौज्ूद सामग्रियों में से कुछ न कुछ खरीददारी जरूर कर लेते हैं। 
साडिय़ाँ मिसप्रिंट, ब्लाउज पीस नदारद
सेल में पहुँचने वाली करमेता निवासी सुनीता नागर ने बताया कि उन्होंने सेल से लेने-देने के हिसाब से पाँच साडिय़ाँ 250 से लेकर 450 रुपए में खरीदी थीं लेकिन जब घर जाकर देखा तो साडिय़ाँ मिसप्रिंट निकलीं। उनकी लंबाई भी कम थी और ब्लाउज पीस नदारद था। जब वे साडिय़ाँ वापस लौटाने आईं तो उनसे मौजूद कर्मचारियों ने काफी बदसलूकी की और बाद में आने कहा। 
सेल का तीन से चार दिनों में बदल देते हैं नाम 
यहाँ सेल लगाने वाले चाहे जब नाम बदल देते हैं। रविवार को श्रीमहालक्ष्मी हेण्डलूम सेल लगने का विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। इसे पढ़कर ग्राहक यहाँ दीपावली के पर्दे व सोफा कवर लेने पहुँचे लेकिन यहां श्री बालाजी रेडीमेड ब्रांडेड सेल लगी मिली। हेण्डलूम का सामान ही नहीं था, इससे लोग भ्रमित हो गए। आसपास के व्यापारियों ने बताया कि सेल लगाने वाले हर तीन से चार दिनों में सेल का नाम बदल देते हैं, ताकि जीएसटी की चोरी कर सकें। 
इनका कहना है
इस तरह की सेल में बिकने वाले यूज्ड कपड़ों के इस्तेमाल से लोगों में कई तरह के संक्रामक रोग जैसे फंगल इन्फेक्शन, खुजली आदि होने के चांस होते  हैं। जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। जब ये कपड़े मार्केट में लाए जाते हैं तो उससे पहले उन्हें कई तरह के कैमिकल ट्रीटमेंट से गुजारा जाता है, जो कपड़ों को इस्तेमाल करने वाले लोगों की स्किन को नुकसान पहुँचा सकते हैं। 
-डॉ. राजीव सक्सेना चर्मरोग विशेषज्ञ
 

Created On :   11 Oct 2021 4:24 PM IST

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