बुलेट ट्रेन तकनीक को मिला यात्रियों का अच्छा रिस्पोंस तो होगा अन्य परियोजनाओं पर विचार
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। मुंबई से अमदाबाद के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का काम इन दिनों काफी तेज गति से चल रहा है। मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के भविष्य के आधार पर ही मुंबई-नागपुर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के अलावा देश में अन्य बुलेट ट्रेन परियोजनाओं का भविष्य भी टिका हुआ है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की तकनीक देश में पहली बार आ रही है। देश की पहली बुलेट ट्रेन को यात्रियों का कैसा प्रतिसाद मिलता है, इसके आधार पर ही देश के अन्य राज्यों में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को अमल में लाने पर विचार किया जाएगा। ऐसा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने अधिकारियों से कहा है। ऐसी जानकारी रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने दी है।
मुंबई से नागपुर के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनकर तैयार है और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएससीएल) ने ये डीपीआर रेलवे बोर्ड को सौंप दी है। ये बुलेट ट्रेन कॉरिडोर करीब 766 किलोमीटर लंबा होगा। इसका निर्माण मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग के बराबर में किया जाएगा, जिसे महाराष्ट्र स्टेट रोड डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन बना रहा है। बुलेट ट्रेन की ये लाइन वर्धा, खापरी डिपो, पुलगांव, मालेगांव जहांगीर, जालना, करंजा लाड, मेहकर, शिरडी, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, इगतपुरी और शाहपुर से होकर गुजरेगी।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, मुंबई-नागपुर की ये डीपीआर फरवरी के मध्य में तैयार हो गई थी। फरवरी 2023 में इसे भारतीय रेलवे बोर्ड को सौंप दिया गया। अब आगे के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। डीपीआर के मुताबिक, ये बुलेट ट्रेन 10 जिलों से होकर गुजरेगी। इसके तैयार होने पर दोनों शहरों के बीच आने-जाने में लगने वाले समय काफी घट जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि अभी जहां मुंबई से नागपुर आने जाने में लगभग 12 घंटे लगते हैं, वहीं बुलेट ट्रेन से ये दूरी 4 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड प्रस्तिवित मुंबई-नागपुर बुलेट ट्रेन के अलावा वर्तमान में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर भी तैयार कर रहा है। देश की पहली बुलेट ट्रेन यहीं पर चलेगी। इसके अलावा महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड मुंबई और पुणे के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की योजना भी तैयार कर रहा है। इसकी फीसीबिलिट स्टडी पर काम भी पूरा हो चुका है। यह इंडियन रेलवे और महाराष्ट्र सरकार का संयुक्त उपक्रम है।
350 किमी की रफ्तार से चलेगी ट्रेन
इससे पहले, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 11 फरवरी को संसद में लिखित जवाब में बताया था कि 766 किमी लंबे मुंबई-नागपुर कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इस बुलेट ट्रेन का किराया क्या होगा, वैसे तो ये अभी तय नहीं है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, ये ट्रेन के फर्स्ट क्लास एसी किराए का लगभग डेढ़ गुना तक हो सकता है।
ये हैं बुलेट ट्रेन के प्रस्तावित प्रोजेक्ट
मुंबई-नागपुर के अलावा देश में छह और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। ये हैं- दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-अमृतसर, दिल्ली-अहमदाबाद, मुंबई-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरू-मैसूर और वाराणसी-हावड़ा। रेलवे बोर्ड को मुंबई-नागपुर के अलावा नई दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की डीपीआर भी मिल चुकी है।
देश में बुलेट परियोजना की चुनौतियां
सॉइल टेस्टिंग लैब
बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए सबसे बड़ी चुनौती मजबूत पिलर को तैयार करना होता है। ऐसे में मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत एशिया की सबसे बड़ी जीओ टेक्निकल लैब सूरत के पास बनाई गई है। यहां जिस जगह पर पिलर बनना है वहां की मिट्टी की जांच होती है। करीब 350-400 टेस्ट एक जगह के लिए होते हैं, फिर मिट्टी के बर्ताव को परख कर उसी के अनुसार पिलर की डिज़ाइन बनती है। इसके बाद पिलर बनने का काम होता है। हर सौ मीटर के बाद मिट्टी का परीक्षण होता है।
भूमि अधिग्रहण बड़ी समस्या
बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भारत में भूमि अधिग्रहण एक बहुत बड़ी समस्या है। मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण को लेकर को दिक्कतें आई हैं उस तरह की दिक्कतें देश में आने वाले अन्य बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भी होंगी। क्योंकि इस परियोजना के लिए सरकारी जमीनों के अलावा भारी मात्रा में निजी जमीनों को अधिग्रहण करने की समस्या सरकार के सामने पेश आएगी।
महंगा प्रोजेक्ट कास्ट
भारतीय रेल बुलेट ट्रेन हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के अलावा देश में वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाओं पर भी काफी तेजी से काम कर रही है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट एक महंगा प्रोजेक्ट है। ऐसे में बुलेट ट्रेन जैसे महंगे प्रोजेक्ट पर जनता का पैसा खर्च करने से पहले केंद्र सरकार सेमी हाई स्पीड प्रोजेक्ट को अधिक प्राथमिकता देगी।
Created On :   29 March 2023 9:52 PM IST