घनी बस्ती में घुस गई सरहद में तैनात होने वाली तोपें, घरों से निकलकर लोग सड़कों पर आए

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
घनी बस्ती में घुस गई सरहद में तैनात होने वाली तोपें, घरों से निकलकर लोग सड़कों पर आए

डिजिटल डेसक, जबलपुर। सुबह-सुबह आंख खोलने के साथ ही जिन लोगों के सामने सरहद पर तैनात होने वाली तोपें खड़ी नजर आई। उन्हें कुछ पल तो नींद न खुलने का भ्रम हुआ। दमोह नाका, त्रिमूर्ति नगर में घनी बस्ती के क्षेत्र में एक कतार से सेना के युद्धक वाहन भी खडे दिखाई दिए। लोगों में गुपचुप पूछाताछी होने लगी, लेकिन तसल्ली भरा जबाव किसी को भी हासिल नहीं हो सका। हालाकि वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया, जिसके बाद तापें फैक्ट्री तक पहुंची हैं।

फिक्स रहता है ट्रांसपोटेशन

शहर के सुरक्षा संस्थानों में जीसीएफ प्रमुख निर्माणी है, जिसमें गनों  का उत्पादन होता है। यही वजह है कि इस फैक्टरी से अक्सर गनों की आवाजाही लगी रहती है लेकिन यह भी तय है कि इस तरह के ट्रांसपोटेशन के लिए रुट फिक्स होते है। सामान्य तौर पर सेना के वाहन मुख्य मार्ग पर ही चलते है, लेकिन किसी बस्ती के भीतर आयुध साजो सामान की मौजूदगी किसी को भी अचरज में डाल सकती है। त्रिमूर्ति नगर के निवासियों के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ।

तीन से चार घंटे तक रुके वाहन

बहरहाल, तकरीबन तीन-चार घंटे तक क्षेत्र में रुकने के बाद सभी वाहन बाहर मुख्य मार्ग की तरफ निकल गए। बस्ती के भीतर किस वजह से आना हुआ, यह स्पष्ट नहीं हो पाया। वहीं चर्चाएं हैं कि अचानक बस्ती में घुसने के कारण लोगों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। उनको समझ नहीं आ रहा था कि तोपें अंदर कैसे आ गई। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया, जिसके बाद तापें फैक्ट्री तक पहुंची हैं।

रसियन गनों की मरम्मत

गनों के बारे में जब जानकारी ली गई तो पता चला कि लाइट फील्ट गन को ट्रांसपोर्ट कर जीसीएफ लाया जा रहा है। निर्माणी के भीतर इस तरह की तोपों की ओव्हर हालिंग की जा रही है। जानकारों का कहन है कि मार्क-2 गनों को रसिया से खरीदा गया था। यह लंबे समय से भारतीय सेना का पसंदीदा हथियार रही है।

Created On :   25 July 2019 10:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story